बिहार में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के डाक्टर और इंजीनियर बनने के सपने साकार होंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर नये सत्र से 11वीं में नामांकन लेने वाले छात्र-छात्राओं को मेडिकल और इंजीनियरिंग की निशुल्क कोचिंग दी जाएगी।

राज्य सरकार पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग की लड़कियों को आवासीय सुविधा के तहत आनलाइन पढ़ाई और निशुल्क मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की कोचिंग देने जा रही है। इसकी सारी तैयारियां अभी से जिलों में करायी जा रही है।

पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार के मुताबिक, राज्य के सभी 38 जिलों में स्थित अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में आनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष से ग्यारहवीं में जितने भी छात्र-छात्राएं नामांकन लेंगे, उन्हें कोचिंग दी जाएगी।

जो जीव विज्ञान लेकर पढ़ेंगे, उन्हें मेडिकल की कोचिंग मिलेगी और जो गणित विषय लेकर पढ़ेंगे, उन्हें इंजीनियरिंग की कोचिंग दी जाएगी। एक शैक्षणिक सत्र में 35 हजार से ज्यादा लड़कियों को आनलाइन पढ़ाई का लाभ मिलेगा।

पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा कल्याण विभाग की ओर से संचालित कन्या आवासीय विद्यालय (कक्षा छह से 12 तक) की छात्राओं को मुफ्त में इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। वहीं छात्राओं को जेईई एवं नीट आदि प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए नामचीन कोचिंग संस्थानों से तैयार स्टडी मटेरियल की हार्ड कापी एवं साफ्ट कापी दी जाएगी।

साथ ही सप्ताह में एक दिन विशेषज्ञों द्वारा स्पेशल क्लास लिया जाएगा, जिसमें छात्राओं को होने वाली समस्या को दूर किया जाएगा। विभाग ने आनलाइन क्लास के लिए कन्या आवासीय विद्यालयों में टीवी स्क्रिन, नेट, वेब के साथ ही डिजिटल ब्लैक बोर्ड की व्यवस्था की है। सभी आवासीय विद्यालयों में संचालित होने वाली आनलाइन क्लास की निगरानी मुख्यालय से की जाएगी।

INPUT : JAGRAN