बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पूरे राज्य से प्रगतिशील किसानों को पटना बुलाया था. मुख्यमंत्री उनकी राय जानना चाहते थे कि कैसे बिहार में खेती को ठीक करें, नया कृषि रोड मैप बनायें. लेकिन मुख्यमंत्री के निमंत्रण पर पहुंचे किसानों के साथ जो हुआ उसके बाद वे जमकर भडक गये.

नाराज किसानों ने किसान समागम में जमकर हंगामा किया. वैसे इसी समागम में मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और दूसरे वीआईपी लोगों के लिए अलग से खास खाने का इंतजाम किया गया था। दरअसल किसान समागम में बुलाये गये किसानों के लिए खाने का भी सरकारी इंतजाम था.

किसानों को खाने का पैकेट दिया गया था. जैसे ही उन्होंने पैकेट खोला उसमें रखे सामानों को देखकर वे हैरान रह गये. उन्हें परोसी गयी दाल दूर से बदबू दे रही थी. सब्जी का दुर्गंध सहने लायक नहीं था. यहां तक की चावल से भी स्मेल आ रहा था. सरकारी खाने का हाल देखकर किसान हत्थे से उखड़ गये. किसानों ने समागम में ही जमकर हंगामा कर दिया।

मधुबनी से आये प्रगतिशील किसान भेगू यादव ने कहा कि हमलोगों को ऐसा खाना दिया है जो हम मवेशी को भी नहीं देते हैं. हमलोगों को खाना का पैकेट दिया गया. जब पैकेट को खोले तो उलटी हो गया. यहां सब कह रहा है कि 5 स्टार का खाना है. सब झूठ बोल रहा है. दो दिन पुराना खाना हमलोगों को दे दिया. भेगू यादव ने कहा कि यहां आया एक किसान नीतीश कुमार को वोट नहीं देगा।

समस्तीपुर के हसनपुर से आये प्रगतिशील किसान सत्येंद्र यादव ने बताया कि हमें ये कह कर बुलाया गया था कि चलिये गन्ना किसानों के लिए अपनी मांग रखियेगा. लेकिन यहां ऐसा हाल करेगा ये मालूम नहीं था. कल रात में भी खाना नहीं खाये. अभी का खाना खाते तो मर ही जाते. इससे बढिया को सत्तू पी कर रह जायेंगे. पानी पी लेंगे. ये खाना है? हम खाना देने वाले को गाली-गलौज देकर उसके मुंह पर पैकेट मार कर चले आये हैं।

किसान समागम की विशेष बात ये भी थी कि उसमें शामिल होने वाले मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम, मंत्री औऱ अधिकारियों के लिए खाने का अलग खास इंतजाम था. उनके लिए पटना के एक बड़े होटल से खाना मंगवाये गये थे. किसानों से अलग उनके लिए खास कक्ष में खाने का इंतजाम था. किसानों का हंगामा चलता रहा और कोई वीआईपी उनसे बात करने नहीं आया।

INPUT : FIRST BIHAR