प्रॉपर्टी (Property) को लेकर पड़ोसियों में विवाद होना कोई नई बात नहीं है. कई बार पड़ोस के घर में हुआ कोई निर्माण या वहां लगा पेड़-पौधा भी आपकी प्रॉपर्टी को हानि पहुंचाता है या असुविधा पैदा करता है. इससे भी विवाद उत्‍पन्‍न होता है.

किसी के घर में लगे पेड़ की वजह से अगर आपको कोई तकलीफ हो रही है या आप अपनी प्रॉपर्टी में निर्माण नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसे पेड़ की कटाई-छंटाई आप करा सकते हैं. अगर कोई पेड़ आपके जान या माल के लिए गंभीर खतरा बन गया है तो आप उसे तुरंत कटवा सकते हैं.

लेकिन, ऐसा करने के लिए आपको सरकार से मंजूरी लेनी होगी. घर, मकान या प्‍लॉट को अचल संपत्ति माना गया है. सरल शब्‍दों में अचल संपत्ति (Immovable Property) का मतलब ऐसी संपत्ति से है जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया जा सकता है.

कोई दूसरा व्‍यक्ति आपकी अचल संपत्ति पर किसी भी तरह से अतिक्रमण नहीं कर सकता. न ही वह आपकी प्रॉपर्टी में बिना अनुमति घुस सकता है. जो संपत्ति आपके पास है, उस भूखंड या मकान ही नहीं बल्कि उसके ऊपर के हवाई क्षेत्र (Air Space) पर भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकता.

अगर आपके पड़ोसी के घर में या प्‍लॉट में लगे पेड़ की टहनियां या शाखाएं आपके घर या प्‍लॉट के ऊपर आ गई हैं, जिससे आपको असुविधा हो रही है या फिर आपको अपनी संपत्ति का इस्‍तेमाल करने से रोक रही है, तो आप पेड़ की छंटाई करा सकते हैं.

आपकी प्रॉपर्टी में आई पेड़ की टहनियों और शाखाओं को आपकी अचल संपत्ति में अतिक्रमण माना जाएगा. एडवोकेट विवेक कादयान के अनुसार, अचल संपत्ति पर अतिक्रमण की गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में विस्‍तृत व्‍याख्‍या की है.

इंद्राचंद जाजू वर्सेज द सब डिविजनल ऑफिसर, जोराहट के मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि अचल संपत्ति में मालिक का मालिकाना हक भूमि, भूमि के नीचे, सतह पर और उस जगह के हवाई क्षेत्र (Air Space) पर भी अधिकार होता है. अगर कोई किसी की अचल संपत्ति के हवाई क्षेत्र का भी उल्‍लंघन करता है, तो उसे अतिक्रमण माना जाएगा.

इस मामले में एक व्‍यक्ति ने अपने मकान का पर एक छज्‍जा बनाया था, जो कि वादी की संपत्ति के ऊपर जा रहा था. इसी तरह, मद्रास उच्च न्यायालय ने बैचा रोथर बनाम अलगप्पन सेरवई (Batcha Rowther v. Alagappan Servai, AIR 1959 Mad 12) मामले में दिए फैसले में कहा कि किसी पेड़ के मालिक को यह अधिकार नहीं है कि वह अपनी शाखाओं को अपने पड़ोसी की भूमि पर लटकने दे.

अगर वह ऐसा करता है तो पड़ोसी पेड़ के मालिक की भूमि में प्रवेश किए बिना, जब तक वह ऐसा कर सकता है, शाखाओं को काट सकता है. पड़ोसी की संपत्ति में लगा पेड़ आपकी संपत्ति के उपयोग में अगर बाधा उत्‍पन्‍न कर रहा है, तो उस पेड़ के उस भाग की कटाई करवाने का अधिकार आपके पास है, जिससे समस्‍या उत्‍पन्‍न हो रही है.

ऐसा नहीं है कि आप स्‍वंय अपनी मर्जी से उस पेड़ की टहनियों या शाखााओं को काट सकते हैं. इसके लिए आपको पहले स्‍थानीय निकाय को अर्जी देनी होगी. इसमें पेड़ की स्थिति और उससे उत्‍पन्‍न समस्‍या का ब्‍यौरा देना होगा. अगर हम नई दिल्‍ली की बात करें, तो यहां पर पेड़ को काटने या उसकी टहनियों को छांटने के लिए आपको दिल्‍ली प्रिजर्वेशन ऑफ ट्रीज एक्‍ट, 1994 में वर्णित प्रक्रिया का पालन करना होगा.

पेड़ चाहे सरकारी जमीन पर हो या फिर किसी की निजी संपत्ति पर, आपको पहले अपने एरिया के डिप्‍टी कंजर्वेटर ऑफ फोरेस्‍ट (DCF) के पास फॉर्म ‘बी’ भरकर देना होगा. फॉर्म में आपको पेड़ से उत्‍पन्‍न खतरे के बारे में बताना होगा और साथ ही पेड़ कहां है बताना होगा.

पेड़ का फोटोग्राफ भी फॉर्म के साथ संलग्‍न करना होगा. आवेदन देने के 60 दिन के भीतर आपको पेड़ की कटाई-छंटाई की अनुमति मिल जाएगी. अनुमति के बाद भी अगर पड़ोसी आपको आपकी ओर आई पेड़ की टहनियों या शाखाओं को न काटने दें, तो आप पुलिस में शिकायत दे सकते हैं.

पेड़ द्वारा उत्‍पन्‍न हुई बाधा, आपकी अचल संपत्ति में अतिक्रमण है, इसलिए आप इसे हटाने को कोर्ट में वाद भी दायर कर सकते हैं. अगर पेड़ से आपकी जान और माल को गंभीर खतरा है, तो ऐसी स्थिति में स्‍थानीय प्रशासन उसे पेड़ को तुरंत हटवा सकता है.

मान लो की पेड़ गिरने वाला है या उसकी टहनियों के टूटने का बहुत ज्‍यादा खतरा है, तो ऐसी स्थिति में आप प्रशासन को इसकी सूचना दे सकते हैं. सीआरपीसी की धारा 133 के अनुसार, किसी भी इमारत, पेड़ या संरचना (स्ट्रक्चर) के गिरने और नुकसान होने की संभावना है, और इसलिए ऐसी इमारत, पेड़ या संरचना की मरम्मत करना, उसको हटाना या उसको सहारा देना आवश्यक हो जाता है तो एक जिला मजिस्ट्रेट, एक उप-मंडल (सब डिविजनल) मजिस्ट्रेट या यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट किसी भी अन्य कार्यकारी (एग्जिक्यूटिव) मजिस्ट्रेट ऐसा करने का आदेश दे सकता है.

INPUT : NEWS 18