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शराबबंदी कानून में बिहार सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में है। न्यायालय में मद्यनिषेध से जुड़े लंबित मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार शराबबंदी कानून में संशोधन कर सकती है। इसमें पहली बार शराब पीते पकड़े जाने वालों को सिर्फ जुर्माना देकर मुक्त किया जा सकता है। वहीं शराब के बड़े धंधेबाजों की संपत्ति जब्त करने के साथ जल्द सजा दिलाने पर जोर होगा। इसमें राज्य के बाहर के शराब कारोबारियों की भी चल-अचल संपत्ति जब्त करने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने संशोधन प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। इसी बजट सत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है। हालांकि अभी विभागीय मंत्री और अधिकारी आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। 

कोर्ट में कम होंगे केस तो बढ़ेगी सजा दर 

सूत्रों के अनुसार, अभी 30-40 फीसद कांड शराब पीने वालों के खिलाफ हैं। इनके कारण शराब तस्करी से जुड़े बड़े मामलों की सुनवाई भी प्रभावित हो रही। शराब पीने वालों के मामले की सुनवाई मजिस्ट्रेट के स्तर पर होगी। इससे न्यायालयों में लंबित आवेदनों का दबाव कम होगा तो बड़े शराब माफिया और तस्करों के मामलों की सुनवाई जल्द पूरी हो सकेगी। उनका ट्रायल जल्द पूरा कराकर सजा दिलाने की दर भी बढ़ाई जाएगी। 

हो सकते हैं यह बदलाव

– पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर भरना होगा तय जुर्माना। 

– जुर्माना न भरने पर शराब पीने के दोषी को एक माह की होगी जेल। 

– बार-बार शराब पीने वालों को जुर्माना और जेल दोनों का प्रविधान।

– शराब पीने वालों की सुनवाई करेंगे डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी।

– अवर पुलिस निरीक्षक स्तर के पुलिसकर्मी या उत्पाद अधिकारी करेंगे जांच।