बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जातीय गणना से जुड़ी रिपोर्ट पेश की गई है. इसमें शिक्षा से जुड़े आंकड़े सामने आए है. इसके अनुसार राज्य में सात प्रतिशत से अधिक लोग ग्रेजुएट है. सात प्रतिशत लोग यहां स्नातक तक की पढ़ाई करते है.

वहीं, 22.67 प्रतिशत लोगों को एक – पांच तक की शिक्षा मिलती है. 14.33 प्रतिशत लोग छह से आठवीं तक की शिक्षा ग्रहण करते हैं. जबकि, 9.19 प्रतिशत को 11 वीं और 12वीं तक की शिक्षा मिलती है. बिहार विधानमंडल में जाति गणना की आर्थिक एवं सामाजिक आंकड़े से संबंधित रिपोर्ट मंगलवार पेश की गई.

सोमवार को शीतकालीन सत्र शुरू किया गया. पहले दिन की बैठक के बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सहमति बनी थी. जाति गणना की आर्थिक एवं सामाजिक आंकड़े से संबंधित रिपोर्ट मंगलवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश होने की बात सोमवार को कही गई थी.

इसके बाद इसे पेश किया गया है. मंगलवार को दोनों सदनों में भोजनावकाश के पहले जाति गणना की रिपोर्ट पेश की गई. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस माममे में जानकारी भी दी थी. उन्होंने बताया था कि सरकार दोनों सदनों में रिपोर्ट पटल पर रखेगी व बहस भी होगी.

मंगलवार को रिपोर्ट सरकार की ओर से पेश की गई. इस रिपोर्ट में शिक्षा के अलावा गरीबी पर भी बात कही गई है. इसके अनुसार राज्य में 24.89 % राजपूत परिवार के लोग गरीब की श्रेणी में आते है. जबकि, सामान्य वर्ग में मात्र 25.9 प्रतिशत लोग गरीब है.

सदन में आज विधायकों को जातीय गणना की कॉपी बांटी गई. विपक्ष के विधायकों ने सदन की कार्यवाही चलने के दौरान जमकर हंगामा किया. विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आंगनवाड़ी सेविकाओं ने भी प्रदर्शन किया है. पुलिस ने इन्हें रोका और इन पर वाटर कैनन का प्रयोग किया.

इस दौरान एक सेविका बेहोश भी हो गई. पुलिस सेविकाओं को गर्दनीबाग धरना स्थल में भेज रही थी. क्योंकि विधानसभा के बाहर इन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी. मालूम हो कि राज्य में जातियों की कुल संख्या 215 है. इनमें बाहर अस्थायी प्रवास में रहने वाले लोगों की संख्या 53,72,022 है.

INPUT : PRABHAT KHABAR