मिथलांचल की पावन धरती पोखर, मछली और मखाना के लिए जाना जाता है. यहां चप्पे चप्पे पर पोखर यानी तलाब नजर आते हैं. लेकिन अब सरकार के प्रयास से केवल मछली और मखान का उत्पादन करने वाली ये पोखर अब सोलर प्लांट के जरिये बिजली भी देगी. इसके तहत सुपौल जिले में पीपरा प्रखंड के सखुवा गांव में बने राजा पोखर पर फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाने का कार्य अंतिम चरण में है. उम्मीद की जा रही है. इसी साल मार्च से यहां बिजली का उत्पादन होने लगेगा. बताया जा रहा है कि इससे इलाके के 1500 घर रोशन हो सकेंगे. वहीं गांव वाले भी इसके निर्माण की गति को देख कर काफी खुश हैं.

सखुआ गांव स्थित राजा पोखर में मछली पालन के साथ-साथ सौर ऊर्जा से बिजली तैयार की जाएगी. इसकी नींव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2019 में जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान यहां रखी थी, जो अब आकार ले रही है. यहां 525 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. ऊर्जा विभाग की ग्रीन योजना से यह संभव हो पाया है. इसके तहत सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन किया जाएगा और उत्पादित बिजली को पिपरा पीएसएस भेजी जाएगी. वहां से क्षेत्रीय उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.

करीब डेढ़ एकड़ क्षेत्रफल में फैले राजा पोखर में यह संयंत्र लगाए जाने का काम जोर-शोर से चल रहा है. बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी की देखरेख में लगाए जा रहे संयंत्र ग्रीन ऊर्जा उत्पादन की दिशा में बेहतर पहल मानी जा रही है. इससे यह इलाका ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बिहार की परिकल्पना को साकार करेगा. पोखर में बिजली उत्पादन के साथ मत्स्य विभाग की ओर से मछली पालन भी किया जाएगा. बहरहाल, अगर ये प्रयास सफल रहा तो पग पग पोखर वाले इस इलाके के लोग बिजली में आत्मनिर्भर बनेंगे और इलाका जगमग रहेगा.

बता दें कि बिहार का पहला तैरता हुआ सोलर बिजली प्लांट दरभंगा जिले के कादिराबाद मोहल्ले में एक तालाब के पानी मे लगाया गया है. यहां नीचे मछली का उत्पादन किया जाएगा और तालाब के ऊपर सोलर प्लेट लगा कर सौर ऊर्जा से बिजली का भी उत्पादन भी किया जाएगा. तालाब के पानी के ऊपर सोलर प्लेट लगाने का काम लगभग पूरा हो गया है. अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है.

वहीं, इस सोलर प्लांट से उत्त्पन्न होने वाले बिजली को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए एक विद्युत उप केंद्र भी बनाए जा रहे हैं. इस सोलर प्लांट से उत्त्पन्न होने वाले बिजली को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए एक विद्युत उप केंद्र भी बनाये जा रहे हैं. इस सोलर प्लांट से 1.6 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. प्रयोग सफल होने पर इसे और तालाबो में विस्तार भी किया जाएगा.

सौर ऊर्जा से चलनेवाली यह तैरता बिजली प्लांट लगाने वाले कंपनी के प्रॉजेक्ट मैनेजर रोहित सिंह ने बताया कि यह बिहार का पहला फ्लोटिंग सौर ऊर्जा से चलने वाला पावर प्लांट है. इसका काम लगभग पूरा हो चुका है. सरकार के साथ मिलकर इस काम को पूरा किया जा रहा है.