रेल सह सड़क श्रीकृष्ण सेतु मुंगेर पुल  (Munger Ganga Bridge) को आम जनता के लिए शुरू कर दिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने शुक्रवार को पुल का लोकार्पण किया है. पुल पर आवागमन शुरू होते ही लोगों ने अपनी पहली यात्रा को यादों के रूप में सहेजकर रखना चाहते हैं. मुंगेर पुल के शुरू होने से आमजन में खुशी की लहर दौड़ गई है. इन्हीं लोगों में नवदंपति कन्हैया और साक्षी शामिल हैं, जिनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं. शादी से पहले साक्षी को मायके की दूरी काफी परेशान करती थी, लेकिन पुल शुरू होने से उनकी यह समस्या दूर हो गई है. वहीं कन्हैया को भी अपनी दुल्हन को घर लाने में आसानी हुई.

दरअसल, कन्हैया कुमार गुरुवार को (10 फरवरी) लखीसराय के शाम्हो से मुंगेर के रास्ते हाथीदह पुल को पार कर बारात के साथ लंबी दूरी तय की थी. वह 165 किलोमीटर की दूरी तय कर खगड़िया के परबता प्रखंड के कबेला गांव शादी के लिए पहुंचे थे. शादी के बाद शुक्रवार यानी 11 फरवरी को अपनी दुल्हन को लेकर उन्हें वापस इसी रास्ते से होकर वापस लखीसराय अपने घर आना था. लेकिन इसी बीच सुबह के समय कन्हैया कुमार के एक जीजा, जिनकी ड्यूटी पुल के के उद्घाटन में ही लगी थी. उन्होंने फोन कर के सूचना दी की मुंगेर पुल का आज लोकार्पण है तो इसी रास्ते से लौट आइएगा.

वहीं, जैसे ही इसकी  खबर नई नवेली दुल्हन साक्षी को लगी तो  वह खुशी से उछल पड़ीं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमारऔर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए साक्षी ने कहा कि ससुराल और मायके की दूरी कम हो गई है. पहले 165 किमी की दूरी तय करनी पड़ती, लेकिन अब आधे से भी कम दूरी का सफर करना पड़ेगा. अब वह अपने घर के लोगों से मिलकर एक दिन में वापस अपने ससुराल आ सकती है, जो कि पहले संभव नहीं था.

नवदंपति ने मां गंगा से भी लिया आशीर्वाद
शादी के बाद वापसी में जब बारात मुंगेर पुल पर पहुंचती है तो सबसे दोनों ने नवदंपति ने मां गंगा का आशीर्वाद लिया. साक्षी कहती हैं कि उद्घाटन के दिन इस गंगा पुल से होकर गुजरना शादी के एक यादगार रहेगी. पुल का उद्घाटन का गवाह बनने दूर-दूर से पहुंचे लोगों ने भी नवदंपति को आशीर्वाद दिया.

मायके की दूरी को सुनकर परेशान  रहती थी साक्षी
परबता प्रखंड के कबेला गांव  की रहने बाली साक्षी की शादी लखीसराय के कन्हैया से फाइनल हुई थी. कन्हैया कुमार बेगुसराय के एक निजी अस्पताल में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. साक्षी के घर कबेला से ससुराल की दूरी तय करने के लिए 165 किलोमीटर का सफर तय करने में पांच घंटे से अधिक का समय लगता है. ऐसे में ससुराल शाम्हो से मायके आना-जाना संभव नहीं था. वहीं कन्हैया कुमार का कहना है कि अब ससुराल के साथ-साथ ऑफिस भी काफी नजदीक हो गया है, इसलिए यह पुल मेरे परिवार के लिए लाइफलाइन है.

खगड़िया बेगुसराय के लोगों का भी आवागमन हुआ आसान
पहले खगड़िया के लोगों को मुंगेर घाट से स्टीमर के सहारे गंगा नदी को पार कर मुंगेर तक पहुंचना पड़ता था, जिसमें घंटो समय लग जाता था.अधिकारीयों को भी स्टीमर के सहारे से आना जाना पड़ता था ऐसे में पुल चालू होने से अब  सभी लोगों के लिए रास्ता आसान हो गया है.

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