मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाने वाले एप ‘बुलीबाई’ मामले में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने बेंगलुरु के एक 21 वर्षीय युवक विशाल कुमार झा को हिरासत में लिया है. साथ ही उत्‍तराखंड से 18 साल की श्वेता सिंह को गिरफ्तार किया है. श्‍वेता सिंह को केस में मुख्‍य आरोपी बताया जा रहा है. वह विशाल झा के संपर्क में थी.

श्‍वेता उत्‍तराखंड की रहने वाली है. उसे उत्‍तराखंड के रुद्रपुर से गिरफ्तार किया गया. उसे ही इस केस का मास्‍टरमाइंड बताया जा रहा है. श्‍वेता ने ही ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्‍वीरें अपलोड की थीं. बताया जाता है कि श्‍वेता 12वीं पास है. अभी वह पढ़ाई कर रही है. श्‍वेता की उम्र सिर्फ 18 साल है.

बीते रोज विशाल कुमार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. विशाल कुमार को 10 जनवरी तक मुंबई पुलिस की रिमांड में भेज दिया गया है. विशाल कर्नाटक में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. विशाल कुमार झा मूल रूप से बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है.

बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने सोमवार को पुलिस को “बुली बाई” ऐप के डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था जिसके बाद इस मामले में ये पहली बड़ी कार्रवाई हुई है.



विशाल झा इंजीनियरिंग का छात्र है. मिली जानकारी के अनुसार बुल्ली एप पर मुस्लिम लड़कियों की नीलामी करने वाला विशाल झा पहले भी ऐसी हरकत कर चुका है. दो साल पहले इसने गुरुग्राम में रहते हुए भी कई महिलाओं के साथ अभद्रता की थी. कई महिलाओं को टारगेट किया था. तब मामला नहीं बढ़ने के कारण बच गया था.



पुलिस की जांच में बेहद चौंकाने वाली बातें सामने आई है. मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन बोली लगाने वाले यह दोनों पहले से एक दूसरे को जानते थे. पुलिस को जानकारी मिली है कि दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए हुई थी. आरोपी लड़की बुल्‍ली ऐप से संबंधित तीन अकाउंट चलाती थी. वहीं इस मामले में सह आरोपी विशाल ने सबसे पहले खालसा सुपरमसिस्ट नाम से अकाउंट खोला था.



पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि 31 दिसंबर को विशाल ने बाकी अकाउंट के नाम भी बदल दिए थे. जिससे यह लगे कि यह सिख नाम से संबंधित अकाउंट है. हालांकि बाद में पता चला कि ये सभी फेक खालसा अकाउंट होल्डर के नाम हैं.



क्‍या है पूरा मामला?



ट्विटर पर कुछ महिलाओं ने स्‍क्रीनशॉट्स शेयर करते हुए दावा किया था कि GitHub पर ‘Bulli Bai’ नाम के ऐप पर उन्‍हें ‘नीलाम’ किया जा रहा है. ऐप का नाम एक भद्दा टर्म है जिसे एक तबका मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रयोग करता है. इस ऐप पर सैकड़ों लड़कियों की तस्‍वीरें मौजूद हैं. नए साल के मौके पर सामने आए स्‍क्रीनशॉट्स के आधार पर एक महिला पत्रकार ने पुलिस में शिकायत की. विभिन्‍न दलों की महिला नेताओं ने भी इस मामले को उठाया और कार्रवाई की मांग की.



बता दें कि ऐसा ही एक मामला 2020 में भी सामने आया था. इसी प्लेटफार्म से पिछले साल जुलाई में सुल्ली डील का ऐप डाउनलोड किया गया था. दोनों ही मामलों में केवल मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाया गया है. उनकी तस्वीरें डाली गई हैं और लोगों से बोली लगाने के लिए कहा गया है.