मानसून सत्र का अंतिम दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधानसभा मार्च पर लाठीचार्ज को लेकर भाजपा सदस्यों ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। इसके कारण गुरुवार को भोजनावकाश के पहले सदन की कार्यवाही बुरी तरह प्रभावित हुई। विधानसभा केवल 4 मिनट तो विधानपरिषद 11 मिनट ही चल पायी।

विधानसभा में काली पट्टी लगाकर सदन पहुंचे भाजपा सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने रिपोर्टर टेबल पर जमकर प्रहार किया और कुर्सियों को उठाकर टेबल पर रखना शुरू कर दिया। इस क्रम में सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी छीना-झपटी और धक्का-मुक्की हुई। वेल में खड़े होकर उन्होंने विरोध में काले कपड़े भी लहराए। इस बीच विपक्षी सदस्यों की सत्ता पक्ष के साथ नोक-झोंक भी हुई।

अंतिम दिन सिर्फ 4 मिनट चली कार्यवाही

इस बीच विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा हस्तक्षेप कर विधायकों को बाहर ले गए। इसके पहले लालगंज के विधायक संजय सिंह अचानक रिपोर्टर मेज पर चढ़ गए और अपना कपड़ा उठाकर चोट के निशान दिखाने लगे। सुरक्षाकर्मियों ने उठाकर उन्हें बाहर कर दिया। इस बीच भाजपा सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा मांग रहे थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने महज 4 मिनट में ही सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी।

वहीं विधान परिषद के दूसरे सत्र की कार्यवाही शुक्रवार को 38 मिनट चली। पहली पाली में कार्यवाही का बहिष्कार करने वाले विपक्षी दल दूसरी पाली में अनुपस्थित रहे। बिना किसी विपक्षी सदस्य की मौजूदगी में सदन की कार्यवाही चली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यवाही शुरू होने के बाद पहुंचे और करीब 28 मिनट तक सदन में मौजूद रहे। इस दौरान वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बिहार विनियोग (संख्या-3 ) विधेयक, 2023 और बिहार माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 प्रस्तुत किया। दोनों विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गए।

विधान परिषद की दूसरी पाली में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने चालू वित्तीय वर्ष का 43 हजार 774 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया। यह ध्वनिमत से पारित हो गया। उन्होंने सदन पटल पर बिहार विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2023 को रखा। सबसे ज्यादा राशि समग्र शिक्षा अभियान के लिए 6 हजार 223 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

शिक्षक जानते हैं उनका हमदर्द कौन?

उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षक जानते हैं कि उनके हमदर्द कौन हैं। तभी तो कल भाजपा की तरफ से निकाले गए प्रदर्शन में एक भी शिक्षक शामिल नहीं हुए। मौजूदा वित्तीय वर्ष में साढ़े तीन महीना बीत गया, लेकिन शिक्षकों के वेतन के लिए केंद्र ने अपने हिस्से की राशि नहीं दी है। राज्य ने अपने हिस्से की राशि से इन्हें जून माह तक का वेतन दे दिया है और आगे भी देती रहेगी। करीब साढ़े तीन लाख शिक्षकों को वेतन के लिए केंद्र सरकार अपने हिस्से की राशि देती है। राज्य सरकार इस पर राज्यांश देती है।

केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षकों से उनको कोई हमदर्दी नहीं है। राज्य सरकार को शिक्षकों से हमदर्दी है, इसलिए केंद्र से राशि नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने जून महीने तक का वेतन शिक्षकों को दे दिया है। मंत्री ने कहा कि इस अनुपूरक बजट में आपदा मद में भी राशि की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने पहले ही कहा है कि राज्य के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है। वित्त मंत्री ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की प्रत्येक झोपड़ी तक बिजली का कनेक्शन उपलब्ध करवा दिया गया है। जबकि, केंद्र सरकार ने बिजली की दर में बढ़ोतरी कर दी है।

704 सवाल स्वीकृत, 560 के मिले उत्तर

विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई। बिहार गीत की प्रस्तुति के साथ समापन हुआ। इसके पहले अपने समापन भाषण में विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहार चौधरी ने बताया कि सत्र के दौरान कुल 823 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें 704 स्वीकृत हुए। इनमें 560 प्रश्नों के उत्तर सदन को प्राप्त हुए। गौर हो कि सवाल- जवाब के लिए चार दिन तय थे जिसमें से तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए।

नई पेंशन पर कोई प्रस्ताव नहीं

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में कहा कि पूरी समीक्षा करने के बाद ही राज्य सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की है। इसके पहले नई और पुरानी पेंशन योजना के गुण-दोष पर अध्ययन किया गया था। इसलिए अभी पेंशन योजना पर पुनर्विचार का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री विधानसभा में अजय कुमार के गैरसरकारी संकल्प पर अपनी बात रख रहे थे।

INPUT : HINDUSTAN