कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को लेकर उठे विवाद पर सीएम नीतीश कुमार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. वहीं बिहार के स्कूलों में हिजाब को लेकर भी सीएम ने अपनी राय दी. सीएम जनता दरबार कार्यक्रम के बाद मीडिया से मुखातिब हुए और इस दौरान जातिगत जनगणना, परिवारवाद, हिजाब विवाद और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सीएम ने बयान दिया.

कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को लेकर उठे विवाद पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वो सब बेकार की बात है. लोग कोर्ट गये हैं. यहां के स्कूलों में सभी बच्चे एक ही तरह के ड्रेस पहनते हैं. बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है. मूर्ति लगाना या अपने-अपने ढंग से पूजा करना, यह सबकी अपनी-अपनी मान्यता है. इस पर बहस करने की जरूरत नहीं है.

वहीं मुख्यमंत्री ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर कहा कि हमलोगों की आपस में बातचीत तो हुई ही है. हमलोग मन बनाकर बैठे हुए हैं. ऑल पार्टी मीटिंग करेंगे. केंद्र सरकार ने भी कहा ही है कि यदि कोई राज्य जातीय जनगणना करना चाहे तो करे. हमलोग इसी पर कह रहे हैं कि यहां पर सब लोग बातचीत करेंगे.

सीएम ने कहा कि जातीय जनगणना से सबको जानकारी हो जायेगी कि किस जाति की कितनी आबादी है. सुधार के लिए क्या करना पड़ेगा. लोगों के विकास और उनके उत्थान के लिए क्या करना पड़ेगा, जो राज्य के हित में होगा, किया जायेगा. इससे किसी भी जाति की उपेक्षा नहीं होगी. बता दें कि हाल में ही तेजस्वी यादव ने बैठक को लेकर सवाल खड़ा किया था.

गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर तेज हुई तो मुख्यमंत्री का जनता दरबार कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था. वहीं संक्रमण के मामले जब तेजी से घटे और स्थिति सामान्य होने लगी तो अब फिर एकबार जनता दरबार कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है.