जल्द ही प्रदेश के नौ शहरों में अगर आप बसावट की जमीन खोजना चाहेंगे तो एक स्पॉट से दूसरे स्पॉट तक दौड़ने की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन इसकी जानकारी मिल जाएगी। शहर के जीआईएस प्लान पर क्लिक करते ही चौड़ी और संकरी सड़कों से लेकर नदी, तालाब, ग्रीन जोन, औद्योगिक और आवासीय इलाका दिख जाएगा। राज्य सरकार ने प्रदेश के नौ शहरों का चयन जीआईएस आधारित प्लानिंग के लिए किया है।

नगर विकास विभाग की ओर से जीआईएस आधारित प्लानिंग के लिए अररिया, फारबिसगंज, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, भभुआ, शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी का चयन किया गया है। इसमें अलग-अलग उपयोग वाली जमीन, जमीन का सही मूल्यांकन, यहां तक कि खास इलाके की खास ऊंचाई तक की स्थिति के बारे में भी आसानी से जानकारी ली जा सकती है। आगे के चरणों में बाकी शहरों का भी चयन किया जा सकता है। नगर विकास विभाग ने 20 शहरों को विस्तारित योजना के लिए चयन किया है। इनमें से नौ को जीआईएस आधारित प्लानिंग के लिए चुना गया है। 

ये फायदे होंगे

-जीआईएस आधारित सिस्टम से मास्टर प्लान में पारदर्शिता आएगी
-लोग जमीन खरीदने से पहले उसकी वस्तुस्थिति ऑनलाइन ही जान सकेंगे
-सरकारी विभाग, निजी व्यक्ति और कंपनियां जमीन को लेकर जल्द फैसला ले सकेंगी
-जमीनी या अंडरग्राउंड सुविधाओं की जीआईएस मैपिंग से कोई भी विभाग काम करना चाहेगा तो प्लानिंग एरिया तय करने से पहले इन सभी स्थितियों को देख सकेगा।
-नक्शा व ले-आउट तकनीकी रूप से परिपूर्ण होंगे। 
-क्षेत्रों का निर्धारण, प्रॉपर्टी की जानकारी, सड़कों और रास्तों की बारीकियां होने से भूल या गलती की आशंका कम होगी।