बिहार में नाबालिगों को अभिभावक गाड़ी नहीं दें, इसको लेकर परिवहन विभाग व यातायात पुलिस जिलों में लोगों को जागरूक करेगी, ताकि सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले और मरने वाले नाबालिगों की संख्या पर पूर्ण रूप से रोक लग सके.

विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में सड़क दुर्घटना में मरने वाले नाबालिगों की संख्या 130 व घायल होने वाले 120 से अधिक थे. वहीं, 2021 में 125 और घायलों की संख्या 200 से अधिक थी. हाल में सड़क दुर्घटना में नाबालिगों की होने वाली मौत की समीक्षा के बाद परिवहन विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है.

नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर जिलों में होगी सख्ती

यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर अब पहले से कहीं अधिक सख्ती की जायेगी. हेलमेट, सीटबेल्ट, अंडर ऐज ड्राइविंग, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना, स्पीडिंग-रेसिंग, खतरनाक ड्राइविंग सहित अन्य तरह के ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने पर पहले से कई गुना अधिक जुर्माना देना होगा. वहीं, नाबालिग चालकों पर परिवहन व यातायात पुलिस की विशेष निगरानी रहेगी.

पकड़े जाने पर लगेगा 25 हजार का जुर्माना

परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अगर नाबालिग ड्राइविंग करते पकड़े गये, तो इसके दोषी अभिभावक भी होंगे और उन्हें 25 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा. वाहन चलाने पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में मामला दर्ज होगा और मोटर व्हीकल का निबंधन भी रद्द होगा. साथ ही, अभिभावकों को थाने बुलाया जायेगा. उसके बाद ही बच्चे को छोड़ा जायेगा.

बाइकर्स पर बढ़ेगी निगरानी, तेज स्पीड वाले वाहनों पर लगेगा जुर्माना

पटना सहित कई अन्य शहरों में कई ऐसे बाइकर्स गैंग हैं जिनमें नाबालिग बच्चों की संख्या अधिक है. इन बाइकर्स गैंग वाले बच्चों को पकड़ने के लिए सभी जिलों में विशेष अभियान चलेगा, ताकि बच्चों को पकड़ा जा सके. विभाग के स्तर पर विशेष चलंत टीम का गठन होगा, जो कि सभी शहरों और सभी हाइवे पर गश्त लगायेंगे और तेज रफ्तार वाली गाड़ियों को पकड़ेंगे.

INPUT : PRABHAT KHABAR