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फरवरी से स्कूल नहीं खोले जाने पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। किसान आंदोलन की तरह बिहार में शिक्षक आंदोलन की रणनिति बनायी जा रही है।

प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बिहार के सभी जिलों के मुख्यालय पर आंदोलन की तैयारी चल रही है। एसोसिएशन हर स्तर से लड़ाई लड़ने को तैयार है।

बता दें कि कोरोना के खतरे को देखते हुए बिहार सरकार ने शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। सरकार का आदेश 5 फरवरी तक के लिए प्रभावी होगा। क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक के बाद सरकार का नया आदेश सामने आएगा। लेकिन इससे पहले स्कूलों को खोले जाने को लेकर एसोसिएशन आंदोलन की तैयारी कर रहा है। 6 फरवरी से यदि स्कूलों को नहीं खोला गया तो एसोसिशन आंदोलन पर जाने पर फैसला लेगी। बिहार के सभी जिलों में आंदोलन की तैयारी की जा रही है। एसोसिएशन हर स्तर से लड़ाई लड़ने को तैयार है।

प्राइवेट स्कूलों को लेकर सरकार की उदासीन रवैये पर प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने सवाल खड़े किए हैं। एसोसिएशन ने सरकार से 4 सवाल पूछा है। पहला निजी विद्यालयों को पुनः संचालित करने में देर क्यों हो रही है? दूसरा बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों हो रहा है? तीसरा क्या शिक्षकों को रोजगार के लिए पलायन कराने का उद्देश्य है? और चौथा सवाल निजी विद्यालयों के परिसर में बिहार बोर्ड की परीक्षा आयोजित करने से कोरोना नहीं होगा और कक्षा के संचालन से कोरोना हो जाएगा?

एसोसिएशन का कहना है कि बिहार सरकार की आखिर मंशा क्या है? क्यों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है? बिहार बोर्ड द्वारा सभी सरकारी स्कूलों में प्रैक्टिकल परीक्षाएं भौतिक तौर पर कराई गयी। सभी प्राइवेट स्कूलों में बिहार बोर्ड की परीक्षा के लिए केंद्र बनाया जा रहा है। इसके लिए किसी भी प्राइवेट स्कूल को किसी तरह का भुगतान नहीं किया जा रहा है। कोरोना की आड़ में सभी प्राइवेट स्कूलों के संचालकों से परीक्षा केंद्र उनके स्कूल में बनाया जा रहा है।

प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद का कहना है कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में जहां ओमिक्रॉन का खतरा सबसे अधिक है वहा स्कूल खोले जा चुके हैं लेकिन बिहार में अब तक स्कूलों को खोला नहीं गया है। सरकार के इस रवैय्ये को देखते हुए निजी विद्यालयों के संचालक, शिक्षक, शिक्षिकाएं और कर्मचारियों ने राज्यव्यापी आंदोलन करने का मन बना रहे हैं।