बिहार के 11 यूनिवर्सिटी और 325 कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसको लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जिस पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। मामला 287 करोड़ों की अनुदान राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने का है।

मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार ने सात विश्वविद्यालय के कुलपति को यह आदेश देते हुए कहा कि पहली सूची में 14 कॉलेजों की मान्यता 18 अगस्त के पहले खत्म कर दिया जाए और इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए। विश्वविद्यालय के कुलपति अगर कार्रवाई नहीं करते हैं तो उन पर जुर्माना लगाने की भी बात कही गई है।

हाई कोर्ट ने 18 अगस्त के पहले दिन 14 कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की बात की है उनमें सीतामढ़ी के श्री लक्ष्मी किशोरी महाविद्यालय का नाम भी शामिल है। आपको बता दें कि श्री लक्ष्मी किशोरी महाविद्यालय जिले का दूसरा सबसे पुराना महाविद्यालय है। इस महाविद्यालय में हजारों की संख्या में छात्रों का नामांकन है।

श्री लक्ष्मी किशोरी महाविद्यालय की स्थापना 1970 ई. में हुई थी। सीतामढ़ी के वर्तमान सांसद सुनील कुमार पिंटू के दादा ने अपनी जमीन दान कर इस महाविद्यालय की स्थापना कराई थी। हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद छात्रों इस बात की चिंता है कि आगे क्या होगा ?

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