भारत की ओर से रूस से कच्चे तेल का आयात लगातार बढ़ता जा रहा है और जनवरी में अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यह लगातार चौथा महीना है, जब रूस से कच्चे तेल का आयात पारंपरिक आपूर्तीकर्ता मध्य पूर्व के देशों से अधिक रहा है।

ये सब रूस की ओर से कच्चे तेल की खरीद पर बाजार के मुकाबले भारतीय तेल कंपनियों को दिए जा रहे डिस्काउंट के कारण संभव हो पाया है। कार्गो परिवहन पर नजर रखने वाली वार्टेक्सा के आंकड़ों के अनुसार, रूस- यूक्रेन युद्ध से पहले भारत के कच्चे तेल आयात में रूस का हिस्सा एक प्रतिशत से भी कम था, जो कि अब बढ़कर 1.27 मिलियन बैरल प्रतिदिन या 28 प्रतिशत हो गया है।

अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खरीददार देश है। युद्ध के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के कारण रूस को कच्चे तेल बिक्री में मुश्किलों का सामना पड़ा रहा है,जिस कारण रूस अपने कच्चे तेल खरीददारों को डिस्कांउट दे रहा है।

इंडिया एनर्जी वीक 2023 में अधिकारियों की ओर से कहा गया कि भारत लगातार अपनी ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगा।रूस के अलावा भारत के कच्चा तेल आपूर्ती करने के मामले में इराक, सऊदी अरब, अमेरिका, यूएई और अफ्रीकी देशों का नंबर आता है। बता दें, यूक्रेन से युद्ध के बाद रूस का अधिकतर कच्चा तेल का निर्यात भारत, चीन, और एशियाई देशों को हो रहा है।

INPUT : JAGRAN