भौतिक सुख और मोह माया का त्याग कर एक साधु का जीवन नवयुवती ने चुना है. प्रसिद्ध कपड़ा कारोबारी महेंद्र मनीषा लोढ़ा की पुत्री व चार्टर्ड अकाउंटेंट कुशल लोढ़ा की बहन नेहा लोढ़ा के जैन साध्वी बनने की चर्चा पूरे शहर में है. नेहा लोढ़ा की उम्र मात्र 23 वर्ष है.

इस उम्र की युवतियां जहां अपने सपनों के राजकुमार के अपने जीवन में प्रवेश करने का इंतजार कर रही होती है, वहीं नेहा लोढ़ा का साध्वी बनने का दृढ़संकल्प लगभग 13 वर्षों बाद पूरा होने वाला है.भरपूर सुख सुविधाओं के बावजूद बचपन से ही सादगी पूर्ण जीवन जीने वाली नेहा लोढ़ा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने वाली है.

वह 22 फरवरी को राजस्थान के विजयनगर में जैन साधु विजयराज जी महाराज से भागवती दीक्षा लेंगी. नेहा के मन में बचपन में ही जगी थी वैराग्य की भावना. बचपन में घटी एक घटना के बाद नेहा ने जैन साध्वियों के कठिन जीवन का अनुसरण कर उसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया था.

नेहा लोढ़ा के दीक्षा समारोह से पूर्व किशनगंज में सकल समाज द्वारा शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली गयी. दीक्षार्थी नेहा लोढ़ा को दुल्हन की तरह सजाकर सजे- धजे रथ पर शोभायात्रा में शहर भर में घुमाया गया. इसके बाद दिगंबर भवन में दीक्षार्थी नेहा लोढ़ा का अभिनंदन किया गया.

अभिनंदन समारोह में नेहा के परिवार के लोग, रिश्तेदार व किशनगंज का सकल समाज बड़ी संख्या में उपस्थित थे.23 वर्ष की युवा अवस्था में नेहा के जैन साध्वी बनने पर लोगों को आश्चर्य भी हो रहा है. शहर और उसके आसपास के इलाकों में इस बात की चर्चा हो रही है. नेहा 22 फरवरी को राजस्थान के विजयनगर में जैन साधु विजयराज जी महाराज से भागवती दीक्षा लेंगी.

INPUT : PRABHAT KHABAR