सीतामढ़ी शहर की सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे की खरीदारी सवालों के घेरे में आ गई है। निवर्तमान वार्ड पार्षद मनीष कुमार द्वारा आरटीआई में मांगे गए सीसीटीवी कैमरे का खर्च हैरान करने वाला है। आरटीआई के जवाब में बताया गया कि एक कैमरे पर 82,500 रुपये खर्च किए गए हैं।

शहर के ही एक दुकानदार ने बताया कि अच्छी क्वालिटी के ब्रांडेड सीसीटीवी कैमरे 25 से 30 हजार रुपये में मिल जाते है। वही तत्कालीन नगर परिषद (नगर निगम) ने इन कैमरों को 82,500 रुपये में खरीदा है। निगम ने 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के बीच खरीदे गए कैमरे पर कुल 35.85 लाख रुपये खर्च किये गए है।

इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरे की खरीद मैं भी घोटाले की आशंका जताई जा रही है। आरटीआई के जवाब में जो बिल नगर निगम ने उपलब्ध कराया है उसमें साफ-साफ गड़बड़ी नजर आ रही है। निगम को वर्ष 2017 में सीसीटीवी उपलब्ध कराने वाली कंपनी का बिल पर नाम पिक्सेल इन्फोटेक और पता नई दिल्ली का रजिस्टर है, जबकि वर्ष 2018 में सीसीटीवी उपलब्ध कराने वाली कंपनी के बिल में पुराना ही नाम पिक्सेल इन्फोटेक है और पता सीतामढ़ी के डुमरा स्थित शंकर चौक का है।

निवर्तमान वार्ड पार्षद मनीष कुमार ने बताया कि इस बिल को देखकर साफ तौर पर फर्जीवाड़ा नजर आता है। उन्होंने इसकी शिकायत डीएम से लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक की है। उन्होंने कहा कि एक सीसीटीवी की कीमत में बाजार मूल्य और निगम द्वारा खरीदे गए मूल्य में 3 गुना का अंतर है। इसके अलावा अलग-अलग वर्षों में एक ही कंपनी का अलग-अलग एड्रेस फर्जीवाड़ा की ओर संकेत कर रहा है।

इस बाबत पूछे जाने पर नगर आयुक्त ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पूर्व ही पदभार ग्रहण किया है। उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। पूरी जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता सकते हैं।

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