सीतामढ़ी में अतिक्रमण के नाम पर शहरी क्षेत्र में फुटपाथ दुकानदारों को प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाकर विक्रेताओं ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. शहर स्तरीय फुटपाथ दुकानदार संघ ने गुरुवार को शहर के ललित आश्रम में दुकानदारों ने बैठक की और शुक्रवार को नगर निगम के घेराव का निर्णय लिया।

इससे पूर्व संघ के अध्यक्ष विपिन कुमार चौधरी ने मंगलवार को डीएम को हस्ताक्षरयुक्त आवेदन दिया है, जिसमें स्ट्रीट वेंडर्स को बेवजह रोजगार से बेदखल करने एवं पथ विक्रेता (जीविका का संरक्षण एवं फुटपाथ विक्रय विनियम) अधिनियम 2014 की पूर्ण अवहेलना की शिकायत किया है.

आवेदन की प्रतिलिपि नगर निगम के आयुक्त तथा सदर एसडीओ को भी दिया है. समस्या का समाधान नहीं निकलने पर संघ की ओर से छह सूत्री मांगों को लेकर 24 दिसंबर 2021 (शुक्रवार) को नगर निगम कार्यालय पर वेंडरों द्वारा धरना व प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है.

संघ के अध्यक्ष श्री चौधरी ने बताया है कि कोविड-19 की वजह से फुटपाथ दुकानदार का व्यवसाय बाधित हुआ है, जिसके कारण केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा इनलोगों के रोजगार को पुनर्जीवित करने के लिए योजना चलायी जा रही है, परंतु सीतामढ़ी नगर निगम के द्वारा वेंडर्स को बेवजह रोजगार करने से बाधित किया जा रहा है.

नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा सभी नगर निकाय को पत्र के माध्यम से कहा गया है कि राज्य में फुटपाथ विक्रेता के जीविका को संरक्षित – करने के लिए पथ विक्रेता (जीविका का संरक्षण एवं फुटपाथ विक्रय विनियमन) अधिनियम 2014 लागू है, इसलिए इन लोगों को अतिक्रमण अभियान के दरम्यान विस्थापित नहीं किया जाए, जब तक कि इनको दूसरी स्थायी जगह नहीं दे दी जाती है और यही अधिनियम की धारा 3.3 के अंतर्गत भी कहा गया है. फिर भी इनको विस्थापित किया जा रहा है. छह सूत्री मांगों में जिन वेंडर्स को भेडिंग सर्टिफिकेट मिल गया है उन सभी को दुकान लगाने से परेशान नहीं करने समेत अन्य मांगें शामिल है.

© SITAMARHI LIVE | TEAM.