हर साल बाढ़ से परेशान होने वाला बिहार इसे निजात पाने के लिए नदी जोड़ो योजना पर तेजी से काम करने की तैयारी में जुट गया है. नीतीश कुमार की सरकार शुरुआत उन छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की करने की तैयारी कर रही है जिनके जुड़ने से न सिर्फ बाढ़ के समय राहत मिलेगी बल्कि छोटी नदियों के आपस में जुड़ने से जल भी सरंक्षित रहेगा और साथ ही इससे सिंचाई कार्य में भी सुविधा होगी. इसके लिए जरूरी निर्देश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दे दिया है.

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संसाधन विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में उन्होंने जल संसाधन विभाग की योजनाओं की जानकरी ली. बैठक में मुख्यमंत्री को बिहार में चल रही बड़ी और महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी गई. इसके अलावा टाल विकास योजना और कोसी-मेची लिंक योजना, उतर बिहार की बाढ़ एवं जल जमाव की समस्या, दक्षिण बिहार की सिंचाई और बाढ़ की समस्या जैसे महत्वपूर्ण कार्यों पर भी जानकारी दी गई.

नीतीश कुमार ने जानकरी लेने के बाद अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्दश भी दिए जिनमें सबसे महत्वपूर्ण छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने के लिए आकलन के निर्देश भी दिए. बैठक में जो निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं वे बिहार के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.

गंगा जल उद्वह योजना के तहत राजगीर, गया, बोधगया और नवादा में सभी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य किया जाए. समय सीमा के अंदर इस योजना को पूरा किए जाने के सीएम नीतीश कुमार ने निर्देश दिए.
2. सात निश्चय 2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए.
3. छोटी-छोटी नदियों जो जोड़ने की योजना बनाने और इसके लिए व्यावहारिक आकलन कराने के निर्देश दिए.
4. नदियों में गाद की समस्या के समाधान के लिए गाद प्रबंधन के लिए काम करने के निर्देश दिए.

जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार का कहना चुनाव खर्चीला है. लेकिन महत्वपूर्ण भी है. जो चुनाव जीतते हैं वे सदन में त्रिस्तरीय पंचायत समिति के प्रतिनिधियों की आवाज उठाते हैं. वहीं, बीजेपी विधायक कुंदन सिंह का मानना है कि तमाम राजनीतिक दलों में इस चुनाव को लेकर पूंजीपतियों का बोलबाला है. लेकिन बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने इस चुनाव में कार्यकर्ताओं को भी टिकट दिया और वह चुनाव जीत कर आए हैं.