बिहार के सीतामढ़ी जिले के तीन थानों को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने पत्र लिखा है। उसमें फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल तीन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा गया है। जिले के सोनबरसा, सहियारा और मेजरगंज थानाध्यक्ष को पत्र लिखा गया है।

इस संबंध में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के पुलिस उपाधीक्षक आलोक कुमार ने तीन थानाध्यक्षों को अलग-अलग पत्र लिखकर मामले की जानकारी देते हुए एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने को कहा है।

जानकारी के मुताबिक, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा जांच में सोनबरसा प्रखंड नियोजन इकाई के तहत मिडिल स्कूल पकरिया में वर्ष 2010 में पदस्थापित शिक्षक सुरेश पासवान, दिवंगत पिता सोनफी पासवान का इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र जांच के लिए झारखंड अधिविद्य परिषद रांची को भेजा गया था। जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है।

इसी तरह सहियारा थाना क्षेत्र के बथनाहा प्रखंड नियोजन इकाई के तहत मिडिल स्कूल मधुबनी गोट में वर्ष 2012 में नियोजित शिक्षिक परमानंद कुमार, पिता रामस्वार्थ साह का इंटर का प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए झारखंड अधिविद्य परिषद रांची को भेजा गया था। सत्यापन में प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है।

इसी तरह निगरानी डीएसपी ने कहा है कि मेजरगंज थाना क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल मुसलमान टोला डुमरीकला प्रखंड मेजरगंज में पदस्थापित शिक्षक सुरेंद्र कुमार, दिवंगत पिता बिंदेश्वर ठाकुर का इंटर प्रमाण पत्र को झारखंड अधिविद्य परिषद रांची द्वारा फर्जी पाया गया है।

पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2006 से 18 मई 2015 तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक आदि प्रमाण पत्रों की निगरानी जांच चल रही है। इसकी जिम्मेवारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पुलिस अधीक्षक पटना द्वारा उन्हें (डीएसपी को) दी गई है।

सीतामढ़ी जिले के उक्त वर्षो में नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। संबंधित प्राधिकार और बोर्ड से संबंधित शिक्षकों का प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराने पर फर्जी पाया गया है।

निगरानी डीएसपी ने कहा है कि सर्टिफिकेट फर्जी पाया जाना प्रमाणित करता है कि नियोजित उक्त शिक्षकों द्वारा अन्य अज्ञात के साथ मिलीभगत कर फर्जी प्रमाण पत्र की कूटरचना कर, धोखाधड़ी से आपराधिक षड्यंत्र के तहत अवैध रुप से नियोजन प्राप्त किया है।

उन्होंने थानाध्यक्ष से फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजित शिक्षकों और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान करने का अनुरोध किया है। बताया गया है कि वर्ष 2006 से मई 2015 तक फर्जीवाड़ा कर नियोजित 91 शिक्षकों के खिलाफ अब तक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।

पिछले माह फरवरी मार्च में निगरानी द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल आधा दर्जन शिक्षकों के खिलाफ विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। निगरानी द्वारा उक्त शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक को थाना कांड संख्या के साथ सूची भेजी गई है।

INPUT : AMAR UJALA