बिहार में रिमांड होम को लेकर सरकार एक बार फिर निशाने पर है. इस बार मामला पटना के गायघाट रिमांड होम का है. पिछले दिनों गायघाट रिमांड होम की लड़कियों ने रिमांड होम संचालक पर कई संगीन आरोप लगाये थे. अब राज्य के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक पत्र लिखा है.

मामले को रफा-दफा करने में लगी है सरकार

श्री दास ने पत्र में लिखा है कि रिमांड होम से लड़कियों की सप्लाई बिहार सरकार के कई मंत्रियों तक की जाती है. इसलिए सरकार इस मामले को रफादफा करने में लगी हुई है. उन्होंने इस मामले की सही से जांच नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि समाज कल्याण विभाग ने खुद जैसे-तैसे जांच की और रिपोर्ट जारी कर दिया.

सीबीआई से जांच की मांग

अमिताभ कुमार दास ने अपने पत्र में सीधे तौर सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाया है और राज्यपाल से सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड का हवाला देते हुए कहा है कि कैसे उस वक्त की समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू सिन्हा को इस्तीफा तक देना पड़ा था.

पटना हाईकोर्ट ने मांगा जबाव

गायघाट बालिका गृह का मामला सामने आने के बाद बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लिया है. अदालत ने पुलिस और राज्य समाज कल्याण विभाग से जबाव तलब किया है. कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है. कोर्ट ने पूछा है कि अब तक पीड़िता के बयान पर कोई प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गयी.

लड़की के बयान से हुआ खुलासा

गायघाट स्थित महिला रिमांड होम से फरार हुई एक युवती ने रिमांड होम की सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता पर संगीन आरोप लगाया है. रिमांड होम की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाया है. लड़की के बयान सामने आने के बाद समाज कल्याण विभाग में खलबली मच गयी. बीते रविवार को लगभग तीन मिनट के वीडियो ने सरकार के माथे पर पसीना ला दिया. वीडियो में युवती ने कहा कि यहां गंदा काम होता है. रिमांड होम की खूबसूरत लड़‍कियां मैम (अधीक्षिका वंदना गुप्ता) को प्‍यारी होती हैं.