बिहार की एक महिला सिपाही ट्रेनी दारोगा की फर्जी मोहब्‍बत में फंस गई। इस फर्जी मोहब्‍बत में दारोगाजी ने खूब गुल खिलाए। महिला सिपाही को लेकर होटल-होटल सैर करते रहे और अपनी मनोकामना पूरी करते रहे। यह सब कुछ हुआ कोरोना के लाकडाउन में और लाकडाउन खत्‍म होते ही फर्जी मोहब्‍बत का झूठ भी अनलाक हो गया। मामला अरवल जिले के वंशी थाने से जुड़ा हुआ है। हालांकि, अब ये ट्रेनी दारोगा जी और महिला सिपाही दोनों ही तबादले के बाद दूसरे जिलों में जा चुके हैं।

फिलहाल रोहतास जिले में पदस्थापित प्रशिक्षु दारोगा अमरनाथ उर्फ राकेश कुमार की ड्यूटी तब वंशी थाने में लगी थी। उनका घर भी वंशी के ही अनुआ गांव में है। महिला सिपाही सह थाना मैनेजर वहां पहले से पदस्थापित थी। 2020 के लाकडाउन में दोनों पास आए और जल्द ही तन-मन से एक दूजे के हो गए। 2022 में लाकडाउन खत्म होते ही इनका प्यार सबके सामने अनलाक हो गया। दारोगा के परिवार वालों को यह नागवार गुजरा।

आरोप है कि इन्कार करने पर महिला सिपाही के स्वजनों को धमकाया गया। इधर, केस दर्ज करने के उपरांत पुलिस ने महिला सिपाही की सदर अस्पताल में मेडिकल जांच कराई, इसके बाद न्यायालय में 164 का बयान भी दर्ज कराया गया। अरवल एएसपी अपने स्तर से मामले के अनुसंधान में जुटे हैं। महिला सिपाही वर्तमान में नवादा में पदस्थापित हैं।