सीतामढ़ी जिले के सुरसंड प्रखंड के भिट्ठा गांव में बीते 18 फरवरी को पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पूरा गांव खाली हो गया है। गांव के लोग पास के जंगलों में रहने को मजबूर है। पुलिस के डर से सब घर छोड़कर फरार हैं। बता दें कि 16-17 फरवरी की रात महेश सहनी की मौत पर 18 फरवरी को धरना दे रहे ग्रामीणों एवं पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी।

हिंसक झड़प के बाद ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को दिए गए आवेदन में लिखा है कि गांव के कुछ असामाजिक तत्व द्वारा इस प्रकार के हिंसक झड़प को अंजाम दिया गया, जिसके दौरान कुछ ऐसे लोग जो पुलिस के कहने पर मृतक का शव के अंतिम संस्कार में शामिल हुए उनको भी नामजद कर दिया गया है।

डीएम से कहा कि पुलिस के साथ पत्थरबाजी एवं झड़प के बाद गांव के आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है। गांव के कई निर्दोष लोग पुलिस के द्वारा पकड़ लिए गए हैं। बाकी के लोगों पर भी अनुचित कार्रवाई हो रही है। कड़ाके की ठंड में लोगों को अपना घर छोड़कर जंगल में रहने को पुलिस ने बाध्य कर दिया है।

डीएम को लिखे पत्र में कहा कि ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। जो इस घटना के लेकर जिम्मेदार नहीं है उनके प्रति प्रशासन नरम रवैया अपनाएं। डीएम से कहा कि कृपया स्थिति को सामान्य कर दिया जाए ताकि लोग अपने घर तक पहुंचकर अपना जीवन यापन कर सकें। ग्रामीणों ने इस घटना की निंदा भी की है।

ग्रामीणों ने घटना में शामिल लोगों पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का भी निवेदन किया है एवं निर्दोष को रिहा करने की मांग करते हुए इस आवेदन को गृह सचिव बिहार सरकार, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक सीतामढ़ी, अनुमंडल पदाधिकारी पुपरी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पुपरी सहित अन्य कई पदाधिकारियों को भी इसकी कॉपी भेजी है।

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