स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बीते दिनों जिन 14 दवाइयों की बिक्री पर प्रतिबंधित लगाया गया था, उन्हें पटना सहित पूरे बिहार में भी पूरी तरह से बैन करने की तैयारी कर ली गयी है. इसके लिए जिला औषधि नियंत्रक प्रशासन की ओर से प्रदेश की सबसे बड़ी दवा मंडी शहर की गोविंद मित्रा रोड के होलसेलर दवा विक्रेता और स्टॉकिस्ट को इन 14 दवाइयों की लिस्ट भेजकर इन्हें फिर से कंपनी को लौटाने के निर्देश जारी किये गये हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुरा प्रभाव डालने वाली दवाइयों की लिस्ट की थी जारी

जानकारी के अनुसार हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मानव शरीर पर बुरा प्रभाव डालने वाली दवाइयों की लिस्ट जारी कर उन्हें प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किये गये थे. इनमें से कुछ कफ सिरप भी हैं, जिनका उपयोग नशे के लिए किया जाता है. उनके भी वितरण और बिक्री पर रोक लगा दी गयी है.

दवाओं की सूची जारी कर कंपनी को लौटाने का निर्देश

औषधि नियंत्रक प्रशासन की ओर से सभी जिलों के दवा व्यवसायियों को सूची भेजने के साथ कहा गया है कि कंपनी प्रतिनिधियों को वे प्रतिबंधित दवाएं लौटायी जाएं. साथ ही सीएनएफ व कंपनी से जुड़े अधिकारियों व कर्मियों को भी कहा गया है कि जो प्रतिबंधित दवाएं पहले से मार्केट में बेची जा चुकी हैं, उन्हें भी फिर से मंगवाकर कंपनी को लौटाना होगा.

क्या कहते हैं जानकार डॉक्टर

आइजीआइएमएस के फार्माकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ हरिहर दीक्षित का कहना है कि जो दवाएं प्रतिबंधित की गयी हैं, वे लिवर, किडनी के लिए नुकसानदेह होती हैं. यदि मरीज को किसी दवा से एलर्जी है और उस कॉम्बिनेशन वाली दवा दी गयी, तो स्पष्ट नहीं हो पाता कि उसे किससे एलर्जी हो रही है. यही वजह है कि विभिन्न देशों में कॉम्बिनेशन की बिक्री पर रोक है.

इनका कहना है

बिहार ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पीके सिंह ने बताया कि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) ऐसी दवा है, जो दो या दो से अधिक दवाओं के संयोजन से तैयार होती हैं. इन्हें ‘कॉकटेल’ दवाएं भी कहा जाता है.

INPUT : PRABHAT KHABAR