इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थापित भारतीय व नेपाल सीमा क्षेत्र के कस्टम कार्यालय की मिलीभगत से आयात-निर्यात होने वाले सामग्रियों के राजस्व संकलन में गोलमाल किये जाने का मामला सामने आया है.

मामले में सीमा से सटे नेपाल के गौर सीमा शुल्क कार्यालय में तैनात नेपाल पुलिस के जवानों ने आलू लदे ओवरलोडिंग भारतीय नंबर के ट्रक (डब्ल्यू 1सी 1578, बीआर 06 जीएसी 7247 व बीआर 30जी 2178) को जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू की है. रौतहट के एसपी ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि भारतीय सीमा क्षेत्र के बैरगनिया से आलू लदे ट्रक को नेपाल

के गौर में प्रवेश करने पर जांच में पाया गया कि जितने का पेपर बैरगनिया कस्टम द्वारा दिया गया था उससे 60 फीसदी अधिक आलू को ट्रक पर लोड किया गया था. बकौल एसपी, सीमा शुल्क के कर्मी व तस्करों की मिलीभगत से राजस्व की चोरी की जा रही है.

एक व्यापारी ने बताया कि अगर पांच लाख के सामग्री को भारतीय सीमा क्षेत्र से नेपाल में ले जाना है, तो बैरगनिया के कस्टम कार्यालय के कर्मी को 15 से 20 फीसदी कमीशन देने पर उक्त सामग्री का मूल्यांकन मात्र एक लाख रुपये का प्रज्ञान पत्र बनाकर व्यापारी को दे दिया जाता है.

बताया कि भारतीय बाजार में खरीदे गए एक हजार के साड़ी का मूल्य मात्र 200 रुपये निर्धारित कर के उसका राजस्व लिया जाता है. बताया जा रहा है कि कस्टम विभाग के इस गोरखधंधे में नेपाल के गौर व बैरगनिया के करीब दर्जन भर तस्करों का एक सिंडिकेट चल रहा है जो बैरगनिया व गौर के कस्टम कार्यालय को मैनेज कर तस्करी के अवैध खेल को वैध बनाने में जुटे है.

रौतहट पुलिस द्वारा ट्रक को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है. इस बाबत पूछे जाने पर बैरगनिया कस्टम अधीक्षक हीरालाल साहू ने बताया कि नेपाल के गौर में आलू लदे ट्रक जब्त किए जाने की कोई जानकारी उन्हें नहीं है. यहां व्यापारी द्वारा जो कागजात प्रस्तुत किया जाता है उसी के अनुसार राजस्व की वसूली होती है. उनके कार्यालय पर लगा आरोप बेबुनियाद है.

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