हिंदू धर्म में तुलसी विवाह के साथ ही मांगलिक कार्यों व शादी-विवाह की शुरुआत होती है. इस दिन मंदिरों व घरों में लोग विधि-विधान से माता तुलसी व भगवान विष्णु का विवाह करते हैं. देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं और फिर देवउठनी एकादशी के दिन निद्रा से जागते हैं.

इन चार माह हिंदू धर्म में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. इसकी शुरुआत तुलसी विवाह के साथ होती है जो कि देवउठनी एकादशी के दिन या फिर द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है. आइए जानते हैं इस साल कब है तुलसी विवाह और शुभ मुहूर्त.

पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की एकादशी तिथि 22 नवंबर को रात 11 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 23 नवंबर को रात 9 बजकर 1 मिनट पर होगा. जो लोग एकादशी के दिन तुलसी विवाह करते हैं वह 23 नवंबर को यह पर्व मनाएंगे.

वहीं द्वादशी तिथि 23 नवंबर को रात 9 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी और 24 नवंबर को शाम 7 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में 24 नवंबर को द्वादशी के दिन भी तुसली विवाह किया जाता है. 24 नवंबर को तुलसी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.

इसके अलावा दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 38 मिनट तक शुभ मुहूर्त है और यह तुलसी विवाह के लिए बेहद ही शुभ मुहूर्त है. हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यों जैसे कि शादी-विवाह की शुरुआत तुलसी विवाह से होती है. जो कि देवउठनी एकादशी के दिन अगले दिन यानि द्वादशी तिथि के दिन मनाई जाती है.

इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं और उनके शालिग्राम स्वरूप का विवाह माता तुलसी के साथ किया जाता है. कहते हैं तुलसी विवाह करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली और घर में सुख-समृद्धि आती है. जिन लोगों के घर में कन्या नहीं होती वह अगर तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी का कन्यादान करते हैं तो उन्हें पुण्य फल प्राप्त होता है.

तुलसी विवाह के दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप का तुलसी से विवाह होता है. इस दौरान तुलसी के पौधे और शालिग्राम को स्नान कराया जाता है. फिर माता तुलसी को लाल चुनरी, बिंदी व अन्य आभूषण से तैयार किया जाता है. इसके बाद तुलसी और भगवान शालिग्राम का एक धागे से गठबंधन होता है और फिर सिंदूर चढ़ाया जाता है.

तुलसी विवाह के दिन मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं. वहीं घरों में लोग माता तुलसी का विवाह सम्पन्न करते हैं. डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.

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