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बिहार के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों की फोटो और उनके मोबाइल नंबर को सूचना पट्ट पर सार्वजनिक किया जाएगा. प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों के सूचना पट्ट पर वरीयता क्रम में सभी शिक्षकों के रंगीन फोटो चस्पा किये जायेंगे. साथ में उनके मोबाइल नंबर भी दर्ज किये जायेंगे. शिक्षा विभाग ने प्रत्येक जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस आशय के आदेश जारी कर दिये हैं.

शिक्षा विभाग की मंशा है कि प्रत्येक बच्चा और उनके अभिभावक अपने शिक्षकों को पहचान सके. विभाग अब उन शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए नयी तैयारी में है जो शिक्षक ड्यूटी टाइम में स्कूल से गायब रहते हैं. फोटो और नंबर के जरिये विभाग प्रॉक्सी टीचर(स्कूलों में अनुपलब्ध रहने वाले शिक्षक) की पहचान करना चाहता है. ताकि उन पर शिकंजा कसा जा सके.

राज्य शिक्षा परियोजना के निदेशक श्रीकांत शास्त्री की तरफ से जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया है कि अक्सर शिकायत रहती है कि विद्यार्थी अपने शिक्षकों को पहचान ही नहीं पाते हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. साथ ही विभाग को भी पता चलेगा कि प्रॉक्सी शिक्षक कौन-कौन हैं.

जानकारी के मुताबिक इस आशय के निर्देश एक बार पहले भी जारी किये गये थे. लेकिन करीब-करीब सभी जिलों में इस आदेश पर किसी भी ध्यान तक नहीं दिया. लिहाजा इस पर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष रूप से हिदायत देते हुए 31 दिसंबर तक इस आदेश के पालन के निर्देश दिये गये हैं. राज्य शिक्षा परियोजना के निदेशक ने आधिकारिक पत्र में बताया कि आरटीइ और परफॉर्मेंस ग्रेड इंडेक्स के तहत भी ऐसा करना जरूरी है.

बता दें कि बिहार के सरकारी स्कूलों से अक्सर कई शिक्षकों के बारे में शिकायत सामने आती रही है कि वो बिना स्कूल आए ही पगार उठाते हैं. वहीं कई शिक्षक ड्यूटी टाइम में भी गायब पाए जाते हैं. विभाग अब ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी में है.