सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के बाद पहली बार सिपेट (Central institute Petrochemicals Engineering and Technology) की पहल पर राज्य की तीन फैक्ट्रियों में बायोडिग्रेडेबल पॉलीथिन का निर्माण शुरू कर दिया गया है. इसके तहत सिवान, अरवल और बेगूसराय जिलों में स्थित फैक्टरियों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है.

बिहार में बायो प्लास्टिक एसोसिएशन के चेयरमैन संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि एमएसएमई के सहयोग से अप्रैल में बायोडिग्रेडेबल कटलरी निर्माण को लेकर अप्रैल में प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा. इसमें उद्यमी को फैक्ट्री स्थापित करने संबंधी सभी बिंदुओं से अवगत कराने के साथ, इसके रख- रखाव, बाजार और तकनीकी सहायता को लेकर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा.

इन्हें बायो प्लास्टिक इंक्यूबेशन सेंटर से जोड़ कर प्रोत्साहित किया जाएगा और आवश्यक सहायता मुहैया कराई जाएगी.बिहार के तीन जिलों में बायोडिग्रेडेबल पॉलीथिन निर्माण की शुरुआत के साथ ही विभिन्न जिलों में बायोडिग्रेडेबल पॉलीथिन के साथ कटलरी के निर्माण के लिए 27 और फैक्ट्रियों के संचालन की मंजूरी भी मिल गई है.

CIPET से हरी झंडी मिलने के बाद नई फैक्ट्रियों में उत्पादन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. पहले चरण में बायोडिग्रेडेबल पॉलीथन का निर्माण जून से शुरू हो जाएगा. इसके बाद बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक ग्लास, प्लेट, कप, कटोरी इत्यादि का उत्पादन अक्टूबर से किया जाने लगेगा.

पटना में फतुआ मसौढ़ी सहित 4, वैशाली में 2, तिलौथू में 2, डेहरी आन सोन में 2, गोपालगंज में 2, छपरा में 2, गया, नवादा, दुर्गावती कैमूर, आरा, पूर्णिया, बेतिया, कटिहार, सिवान, अरबल, बेगुसराय, मुजफ्फरपुर सहित कुल 27 जगहों पर फैक्ट्री लगाने की अनुमति दी गई है.

INPUT : NEWS 18