बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी का फाइनल रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होने वाला है. फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में 50 प्रतिशत पेपर में छात्र फेल होते हैं, तो उन्हें फिर से पहले सेमेस्टर से पढ़ाई नहीं करनी होगी. जिस पेपर में वे फेल हैं, उसकी परीक्षा देकर वे पास हो सकेंगे.

इसके अलावा अंकपत्र पर भी अब केवल फेल नहीं लिखा जायेगा, बल्कि कितने पेपर में फेल है, यह लिखा रहेगा. परीक्षा विभाग ने मूल्यांकन की नयी प्रक्रिया को लेकर प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे जल्द ही परीक्षा बोर्ड से स्वीकृति लेकर लागू कर दिया जायेगा.

परीक्षा नियंत्रक प्रो टीके डे ने बताया कि परीक्षा नियमावली के अनुसार नया प्रस्ताव तैयार किया गया है. इससे हजारों छात्रों को राहत मिलेगी. साथ ही पेंडिंग की समस्या भी कम हो जायेगी. परीक्षा नियंत्रक प्रो टीके डे ने बताया कि परीक्षा परिणाम पर अभी फर्स्ट से थर्ड सेमेस्टर तक अलग नियम है, जबकि फोर्थ सेमेस्टर में नियम बदल जाता है.

इससे छात्रों को काफी नुकसान होता है. उन्होंने बताया कि फर्स्ट से थर्ड सेमेस्टर तक 50 प्रतिशत पेपर में फेल होने पर छात्रों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया जाता है. इसके बाद अगले सत्र के साथ संबंधित सेमेस्टर की परीक्षा देकर छात्र उत्तीर्ण हो जाते हैं, तो उन्हें फाइनल रिजल्ट दे दिया जाता है. किसी सेमेस्टर में छह पेपर हैं, तो तीन पेपर में पास होना जरूरी है. लेकिन फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा में एक पेपर में भी फेल होने पर छात्र को फेल कर दिया जाता है.

एक अंक से फेल नहीं होंगे छात्र

मूल्यांकन की नई व्यवस्था लागू होने पर कोई छात्र एक अंक से फेल नहीं होगा. प्रो डे ने बताया कि अभी आधा अंक की छूट मिलती है. यानी पासिंग अंक से आधा अंक कम होने पर छात्र को पास कर दिया जाता है. इसे बढ़ाकर एक अंक किया जायेगा. परीक्षा बोर्ड से स्वीकृति के बाद इसे भी जल्द ही लागू कर दिया जायेगा.

जल्द होगी बोर्ड की बैठक, एजेंडा तैयार

प्रो डे ने बताया कि परीक्षा बोर्ड की बैठक के लिए एजेंडा तैयार किया गया है. आरटीआइ सहित परीक्षा और परिणाम से जुड़े कुछ अन्य मामले भी बोर्ड की बैठक में रखे जायेंगे. जल्द ही कुलपति की अनुमति लेकर तिथि घोषित कर दी जायेगी. पिछले साल दिसंबर में सीनेट की बैठक से पहले परीक्षा बोर्ड की बैठक हुई थी.

INPUT : PRABHAT KHABAR