अप्रैल में प्रचंड गर्मी और लू के थपेड़ों ने दिल्ली के लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। अपने कार्य स्थलों के लिए लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं लेकिन बढ़ती गर्मी के कारण उनके लिए यह चुनौती बन गया है। कोरोना के प्रभाव कम होने से लोगों का जीवन पहले जैसी सामान्य स्थिति में आ गया है लेकिन गर्मी भी अपना प्रकोप दिखाने लगी है। बढ़ता पारा हीट स्ट्रोक का भी कारण बन सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर इस चुनौती से निपटा जाए।

घेवरा के आयुर्वेदिक कैंसर अस्पताल के प्रमुख आयुर्वेदाचार्य वेद भरत देव मुरारी का कहना है कि आयुर्वेद के सिद्धांत प्रकृति के सिद्धांतों से जुड़े हुए हैं। रोगों से बचाव के लिए आयुर्वेद में ऋतुओं के अनुसार खान-पान करने का परामर्श दिया जाता है। प्रकृति ने सभी छह ऋतुओं के मुताबिक ऐसे खाद्य पदार्थों का निर्माण किया है कि जिनका सेवन उसी ऋतु में स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है। ऐसे में ग्रीष्म ऋतु में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिन की तासीर ठंडी होती है और जो सुपाच्य होते हैं। इनसे न केवल रोगों से बचाव होता है बल्कि व्यक्ति स्वस्थ भी रहता है।

प्याज है लाभप्रद :

उन्होंने हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए प्याज का सेवन लाभप्रद है। इसके रस के अलावा इसे सलाद के रूप में खाया जा सकता है। प्याज लू लगने से भी बचा सकता है और हीट स्ट्रोक होने पर आपकी सहायता भी कर सकता है। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए दैनिक खुराक में प्याज काे जरूर शामिल करें। इसे सलाद के तौर पर भी खा सकते हैं। यह शरीर को ठंडा रखता है।

कच्चे आम हैं फायदेमंद :

मौसमी समस्याओं से निपटने के लिए प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे फल और सब्जियां दी हैं, जिनकी सहायता से हम अपने आप का बचाव कर सकते हैं इसी में से एक है कच्चा आम। कच्चा आम से बना हुआ आम पन्ना हीट स्ट्रोक से बचा सकता है। आम पन्ना में जीरा, सौंफ, काली मिर्च और काला नमक को मिलाकर पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसके अलावा बेल का शरबत, तरबूज, खरबूजा भी इसी श्रेणी में आते हैं।

नारियल पानी है महत्वपूर्ण :

शरीर को जल्द से जल्द रिहाइड्रेट करने के लिए नारियल पानी एक बेहतरीन विकल्प है। साधारण पानी इतनी इस कमी को पूरा नहीं कर सकता क्योंकि नारियल पानी में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो ऊर्जा प्रदान करते हैं। ऐसे में प्रयास करें कि जब भी घर से बाहर निकलें, तो नारियल पानी का सेवन जरूर करें। इसी प्रकार गर्मियों में तरल पदार्थ जैसे नींबू, जूस, दही, छाछ का सेवन भी लाभदायक होता है।

लक्षण : माइल्ड हीट स्ट्रोक के लक्षणों में कमजोरी, उल्टी, चक्कर आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, बुखार शामिल हैं जबकि गंभीर हीट स्ट्रोक में शुष्क और गर्म त्वचा, तेज बुखार, दिल की धड़कन तेज हो जाना, अत्यधिक प्यास, बेचैनी, बेहोशी और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

ग्रीष्म ऋतु में मीठे, लवण और अम्लीय तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए हल्के ढीले सूती वस्त्र पहनने चाहिए और तेज धूप से बचना चाहिए। साथ ही अपने साथ पर्याप्त पानी लेकर घर से निकले, ताकि पानी की कमी ना हो। किसी भी तरह से सर ढककर रखे और किसी तरह की समस्या होने पर चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही दवा का सेवन करें।

मौसमी समस्याओं से निपटने के लिए प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे फल और सब्जियां दी हैं, जिनकी सहायता से हम अपने आप का बचाव कर सकते हैं इसी में से एक है कच्चा आम। कच्चा आम से बना हुआ आम पन्ना हीट स्ट्रोक से बचा सकता है। आम पन्ना में जीरा, सौंफ, काली मिर्च और काला नमक को मिलाकर पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसके अलावा बेल का शरबत, तरबूज, खरबूजा भी इसी श्रेणी में आते हैं।

नारियल पानी है महत्वपूर्ण :

शरीर को जल्द से जल्द रिहाइड्रेट करने के लिए नारियल पानी एक बेहतरीन विकल्प है। साधारण पानी इतनी इस कमी को पूरा नहीं कर सकता क्योंकि नारियल पानी में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो ऊर्जा प्रदान करते हैं। ऐसे में प्रयास करें कि जब भी घर से बाहर निकलें, तो नारियल पानी का सेवन जरूर करें। इसी प्रकार गर्मियों में तरल पदार्थ जैसे नींबू, जूस, दही, छाछ का सेवन भी लाभदायक होता है।

लक्षण : माइल्ड हीट स्ट्रोक के लक्षणों में कमजोरी, उल्टी, चक्कर आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, बुखार शामिल हैं जबकि गंभीर हीट स्ट्रोक में शुष्क और गर्म त्वचा, तेज बुखार, दिल की धड़कन तेज हो जाना, अत्यधिक प्यास, बेचैनी, बेहोशी और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

ग्रीष्म ऋतु में मीठे, लवण और अम्लीय तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए हल्के ढीले सूती वस्त्र पहनने चाहिए और तेज धूप से बचना चाहिए। साथ ही अपने साथ पर्याप्त पानी लेकर घर से निकले, ताकि पानी की कमी ना हो। किसी भी तरह से सर ढककर रखे और किसी तरह की समस्या होने पर चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही दवा का सेवन करें।