होली में ट्रेन में सीट नहीं मिलने और ट्रेन लेट होने के कारण लोग बड़ी संख्या में बस से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से आ रहे हैं. आलम यह है कि प्रतिदिन 14 से 15 हजार यात्री बस में सवार होकर प्रदेश से अपने घर लौट रहे हैं. अभी प्रतिदिन करीब 150 से अधिक बड़ी बस आ रही है, एक बस में अमूमन 70 से 80 यात्री सवार होकर आ रहे हैं.

इसमें अधिकांश बसें एनएच बाइपास होकर सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, समस्तीपुर, बेगूसराय की ओर से जा रही है. जो यात्री मुजफ्फरपुर के होते हैं उन्हें सुधा डेयरी मोड़ के पास उतार दिया जाता है. कुछ बस जिनका टाइअप लोकल बस मालिकों के साथ ही है, वहीं बैरिया बस स्टैंड तक आ रही है.

पिछले चार पांच दिनों से लगातार बसों की संख्या बढ़ती जा रही है. बस किराये और ट्रेन के एसी का किराया लगभग बराबर है. ट्रेन का तो पता नहीं रहता कितनी देर से पहुंचेगी, लेकिन बस एक निश्चित समय में पहुंचा देती है. टिकट नहीं मिलने के कारण वह बस का सहारा लेते हैं.

बस पहुंचे लोकेश ने बताया कि ट्रेन में लंबी वेटिंग थी, तो बस में 1300 रुपये प्रति सीट टिकट बुक करायी और परिवार के साथ पहुंचे. मोटर फेडरेशन के प्रवक्ता कामेश्वर महतो ने बताया कि दिल्ली वाली बस 16 से 20 घंटे में यात्रियों को यहां पहुंचा देती है.

अभी ट्रेन काफी विलंब से चल रही है, वहीं उसमें सीट भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में यात्रियों के सामने बस एक सहारा है. बैरिया बस स्टैंड में कम बस आती है अधिकांश एनएच बाइपास होकर निकल जाती है. बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड (‍BSRCT) के इमलीचट्टी बस स्टैंड से देर रात को बसों का परिचालन शुरू किया गया है.

रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्री, जिन्हें सीतामढ़ी, शिवहर की ओर से जाना है उन सभी के लिए देर रात तक बस सेवा शुरू की गयी है. बीएसआरटीसी के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा कि अधिकांश यात्री सीतामढ़ी जिले हैं, जब यात्रियों की संख्या अधिक होती है तो रात में भी हर आधे घंटे पर बस खोली जाती है. होली तक यह सेवा जारी रहेगी जिससे यात्रियों को आवागमन में असुविधा ना हो.

INPUT : PRABHAT KHABAR