स्कूली बच्चों को लाने व ले जाने वाली स्कूली बस, ऑटो व वैन खटारा हुए तो संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी। बच्चों को सुरक्षित लाने व ले जाने के लिए परिवहन विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। विभागीय आदेश का अनुपालन करने के लिए विभाग ने सभी डीटीओ को इस बाबत निर्देश दिया है।

विभागीय अधिकारियों ने कहा कि पटना सहित पूरे बिहार में यह देखा जा रहा है कि स्कूली बच्चों को जर्जर वाहनों से लाया-ले जाया जा रहा है। बच्चों की सुरक्षा से यह खिलवाड़ है। इसलिए संचालकों की इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सुरक्षित स्कूल वाहन परिचालन विनियमन को लेकर तैयार नियमावली पर अमल किया जाएगा। जल्द डीटीओ के माध्यम से अभियान शुरू किया जाएगा।

विभाग ने सभी डीटीओ को कहा है कि जब सुबह में गाड़ियों में बच्चे रहेंगे तो उस समय गाड़ियों की जांच नहीं होगी। लेकिन सुबह में अगर खाली स्कूल बस बच्चों का लेने जाएगी तो उस वक्त उन गाड़ियों की जांच होगी और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। स्कूल परिसर और बाहर लगी गाड़ियों की भी जांच होगी। जिस स्कूल के बाहर गाड़ी हर दिन लगेगी, उस गाड़ी के संबंध में स्कूल प्रशासन को रिपोर्ट देनी होगी। 

ऐसा नहीं करने पर उस स्कूल को पहली बार नोटिस दिया जाएगा तो दूसरी बार कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रशासन से विभाग के अधिकारी संपर्क करेंगे ताकि कोई स्कूल यह नहीं कह सके कि उनके पास कोई गाड़ी नहीं है। अभियान में सभी गाड़ियां में सुरक्षा के सभी मानकों को ध्यान में रखा जाएगा और जिस बस या ऑटो में किसी प्रकार की कमी होगी, नियमानुसार उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। बस, ऑटो में कैमरे लगाए जाएंगे। बच्चों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था व सभी खिड़की को दुरुस्त करना अनिवार्य होगा।