देश सहित राज्य में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल से बनी सामग्री का निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जायेगा. इसके बाद इसका निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री या इस्तेमाल अवैध माना जायेगा और निर्देश का उल्लंघन करने वालों को एक लाख रुपये तक जुर्माना या पांच साल तक की सजा या दोनों तरह का दंड दिया जा सकता है. फिलहाल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद लोगों के बीच जागरूकता फैलाने को लेकर पिछले छह महीने से काम कर रहा है.

100 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक के बने बैनरों पर रोक रहेगी
सिंगल यूज प्लास्टिक निर्माताओं और विक्रेताओं से बातचीत, रेडियो एफएम सहित अखबार और अन्य माध्यमों से प्रचार किया जा रहा है. साथ ही बाजार में विकल्प के रूप में जूट या कपड़े का थैला आदि लाया जा रहा है. अधिसूचना के अनुसार प्लास्टिक युक्त इयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडियां, थर्मोकोल की सजावटी सामग्री पर रोक रहेगी. इसके अलावा प्लास्टिक प्लेटें, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा मिठाई के डब्बों को लपेटने वाले प्लास्टिक फिल्में, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैक, 100 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक के बने बैनरों पर रोक रहेगी.

एक साल का दिया गया था समय
केंद्र सरकार की जारी अधिसूचना के बाद इस तरह का प्लास्टिक उपयोग करके वस्तु बनाने वाले उत्पादकों और इनका इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों को एक साल का समय दिया गया था. इन वस्तुओं को ठिकाने लगाना था. यह समय अवधि एक जुलाई को खत्म होगी. इसी दिन से ऐसे प्लास्टिक के उपयोग पर रोक रहेगी. इस तरह प्लास्टिक से प्रदेश में प्रदूषण न फैले, इसे देखते हुए पूरी तरह से रोक रहेगी.

ये करेंगे मॉनीटरिंग

सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण और इस्तेमाल रोकने के लिए नियमों का पालन करवाने और इसकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी भी तय कर दी गयी है. इसके लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को जिम्मेदारी दी गयी है. ये निर्देशों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध केस दर्ज करवा सकेंगे.