बिहार के विश्वविद्यालय (University of Bihar) लेटलतीफी के लिए सुर्खियों में रहता है. वहीं, बिहार के सात विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों के काम पर राजभवन (Governor House) की ओर से शनिवार को रोक लगा दी गई है. राजभवन सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दिया है.

जारी पत्र में कहा गया है कि इन विश्वविद्यालयों के कुलसचिव तत्काल प्रभाव से सभी प्रकार के काम के निर्वहन पर रोक लगाई जाए. इसकी प्रति सभी विश्वविद्यालयों को भी भेज गया है. राजभवन की इस कार्रवाई के बाद बिहार में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु की तरफ से यह निर्देश जारी किया गया है. राजभवन सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया, पटना विश्वविद्यालय, पटना, मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय, पटना और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के कुलसचिव के कामकाज पर रोक लगाई गई है.

वहीं, इन सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों की नियुक्ति पूर्व गर्वनर फागू चौहान ने की थी.जारी पत्र में कहा गया है कि टीएमयू भागलपुर के वित्त पदाधिकारी को भी तत्काल प्रभाव से सभी प्रकार के कार्यों व कर्तव्य निर्वहन करने से रोका गया है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति भवन से प्रेस रिलीज जारी की गई थी.

देश के 13 राज्यों के गवर्नर को बदल दिए गए थे. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का गवर्नर बनाया गया और हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को बिहार का नया गवर्नर बनाया गया था. वहीं, राजभवन के इस आदेश के बाद बिहार के सभी विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

INPUT : ABP NEWS