भागलपुर ट्रिपल आईटी की दो छात्राओं ने नया कीर्तिमान रचा है। इशिका और संस्कृति को 85 लाख प्रतिवर्ष का पैकेज मिला है। दोनों का फाइनल ईयर भी पूरा नहीं हुआ है। इससे पहले इतना बड़ा सैलरी पैकेज नहीं मिला। इरादे के साथ-साथ सोच अलग एवं अच्छी हो और उसके लिए शुरू से ही मेहनत की जाये तो बड़े-बड़े लक्ष्य आसानी से पाये जा सकते हैं।

इसके बाद सफलता लगातार मेहनतकश लोगों के कदम चूमती है। अपनी अलग और सकारात्मक सोच के दम पर इसे एक बार फिर से सच कर दिखाया है ट्रिपल आईटी के बीटेक (कंप्यूटर साइंस) की दो छात्राओं ने। इन दोनों छात्राओं ने अपनी प्रतिभा के बूते 89 लाख रुपये प्रतिवर्ष का पैकेज पाया है।

ट्रिपल आईटी के सत्र 2020-24 के फाइनल ईयर की छात्र- छात्राओं का कैंपस सलेक्शन पूरा भी नहीं हुआ है कि तीसरे वर्ष (2021-25) में पढ़ाई कर रही दो छात्रा इशिका झा और संस्कृति मालवीय ने संस्थान के अभी तक के छात्र-छात्राओं को मिले पैकेज के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं और दोनों 89 लाख रुपये प्रतिवर्ष के पैकेज पर चयनित हुई हैं।

इशिका झा और संस्कृति मालवीय दोनों ने बताया कि उनका सपना था कि शुरुआत से ही अच्छी कंपनी में जायें। इसके लिए उन्होंने अपनी सोच सबसे अलग रखी और उसके लिए लगातार प्रयास करती रहीं। उन्होंने कहा कि फाइनल ईयर में होने वाले कैंपस सलेक्शन के लिए पहले वर्ष से ही मॉक इंटरव्यू की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए रोजाना प्रैक्टिस करती थीं।

अपने सीनियर से जानती थीं कि इंटरव्यू में क्या और कैसे पूछा जाता है और उसकी तैयारी कैसे करनी चाहिए। सीनियर से वह अपना इंटरव्यू भी कराती थीं। इन दोनों ने बताया कि वे लोग कुछ अलग हटकर काम करना चाहती हैं। इसीलिए गूगल की ओर से हुए हैकाथॉन में भाग लिया तो अलग ही तरह के प्रोजेक्ट बनाये।

हरियाणा निवासी इशिका झा ने बताया कि हैकाथॉन में उन्हें पर्यावरण विषय मिला था। इसमें उन्होंने एआईएमएल का प्रयोग करके ‘फॉरेस्ट फायर प्रेडिक्शन’ (वन में आग लगने के पहले का अंदेशा) पर प्रोजेक्ट बनाया। इसके लिए उन्हें सर्वाधिक 2.5 फीसदी अंक देकर चयनित किया गया। कहा कि दो-तीन अच्छे प्रोजेक्ट तैयार करने होते हैं।

इसके लिए नियमित रूप से काम करना होता है। बस वही किया और उसका लाभ भी मिला। प्रयागराज निवासी संस्कृति ने बताया कि उन्होंने पहले वर्ष से ही कोडिंग को अच्छे से सीखना शुरू कर दिया, ताकि वह किसी से पीछे न रहें।

गूगल के हैकाथॉन में उन्होंने महिला सशक्तीकरण से जुड़ा एक ऐप बनाया, जिसमें महिलाएं बिना पहचान बताये अपनी उन निजी बातों को रख सकती थीं, जो उन्हें सार्वजनिक तौर पर रखने में शर्म आती है। वे इसमें अपना ब्लॉग लिख सकती हैं।

गूगल ने उन्हें इस प्रोजेक्ट के लिए सर्वाधिक 2.5 फीसदी अंक दिया। उन्हें दसवीं कक्षा में 95.4 और 12वीं में 94 फीसदी अंक मिले थे। कहा इन विशेष प्रोजेक्ट का और पढ़ाई के दौरान हासिल उपलब्धियों का उन्हें लाभ मिला है। वहीं, प्लेसमेंट इंचार्ज सौरभ विश्वास ने बताया कि एक आईटी कंपनी ने इन दोनों का चुनाव किया है। इस बैच में कुल सात में एक छात्र और छह छात्राओं का अच्छे पैकेज पर चयन किया है जिसमें इन दोनों का पैकेज सर्वाधिक है।

ट्रिपल आईटी, भागलपुर के प्रभारी निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार जैन ने कहा कि पढ़ाई में मेहनत सिर्फ परीक्षा के समय नहीं, बल्कि शुरू से अंत तक बिना किसी अवरोध के नियमित रूप से करना चाहिए। साथ ही सोच कुछ हटकर रखना चाहिए जो आपको दूसरों से अलग करता है। इन सबके लिये काफी परिश्रम करना होगा। यही इन छात्राओं ने किया जिसका इन्हें लाभ मिला।

INPUT : LIVE HINDUSTAN