बिहार में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका की बहाली में अब किसी तरह की मनमानी नहीं चलेगी। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका की नियुक्ति में लगातार मिल रही गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सरकार ने नियमावली बनाने की घोषणा की थी। सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन के लिए नियमावली तैयार कर ली है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि कैबिनेट की होनेवाली आगामी बैठक में नियमावली को मंजूरी मिल जाएगी।

दरअसल, बिहार में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन में लगातार धांधली के आरोप लग रहे थे। इससे संबंधित कई मामले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में भी पहुंचे थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में ही संबंधित अधिकारियों को पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया था। सेविका और सहायिका के चयन में सबसे अधिक यह शिकायत मिल रही थी कि अधिक अंक वाले अभ्यर्थियों की जगह कम अंक वाले अभ्यर्थी का चयन किया जा रहा है। बड़ी संख्या में धांधली की शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन के लिए नियमावली बनाने का फैसला लिया था।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन के लिए नियमावली तैयार कर लिया है। विभाग के मंत्री मदन सहनी के मुताबिक कैबिनेट की अगली बैठक में संभवतः इसे मंजूरी मिल जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद नई नियमावली के तहत सेविका और सहायिका का चयन किया जाएगा। जिससे चयन में धांधली के मामले लगभग खत्म हो जाएंगे। उनके चयन के लिए अब आमसभा नहीं होगा। अभ्यर्थी का इंटर पास होना अनिवार्य होगा। सबसे अधिक अंक वाले अभ्यर्थी का चयन किया जाएगा। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका 65 वर्ष की उम्र में स्वतः कार्यमुक्त हो जाएंगी।