आसमान में दिखने वाले तारे हमारे लिए हमेशा से उत्सुकता का कारण रहे हैं. इंसानों में जब से सोचने समझने की शक्ति विकसित हुई है, तब से ही वो तारों और अंतरिक्ष के बारे में जानने की कोशिश करते रहे हैं. इसी के चलते आज इंसान चांद और मंगल ग्रह तक अपनी पहुंच बना चुके हैं.

जबकि सूरज भी अब उनसे दूर नहीं है. खैर, मानव सभ्यता अंतरिक्ष के कितने करीब पहुंच चुकी है इस पर चर्चा फिर कभी करेंगे. आज हम आपको एक ऐसे धूमकेतु के बारे में बताने वाले हैं जो दो दिन बाद दिखने वाला है. सबसे बड़ी बात कि ये अब चार सौ साल बाद ही दिखेगा.

यानी यह खगोलिय घटना इंसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इसे इंसान कब और कैसे देख पाएंगे. धूमकेतु निशिमुरा को 12 अगस्त 2023 को खोजा गया था. इसे जापान के एक खगोल फोटोग्राफर हिदेओ निशिमुरा ने खोजा था.

यही वजह है कि इस धूमकेतु का नाम फोटोग्राफर निशिमुरा के नाम पर रखा गया. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये धूमकेतु हर साल दिसंबर में होने वाले सिग्मा हाइड्रिड्स से जुड़ा हो सकता है. आपको बता दें, ये तारा जब सूर्य के नज़दीक से गुजरेगा तो अपने पीछे धूल और चट्टानों के छोटे छोटे कण छोड़ता हुआ जाएगा.

इग्लैंड के हल यूनिवर्सिटी में ईए मिल्ने सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के निदेशक प्रोफेसर ब्रैड गिब्सन का कहना है कि ये धूमकेतु हमें बिना किसी दूरबीन के भी दिखाई देगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, फिलहाल ये धूमकेतु 3.86 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है.

यही वजह है कि 12 सितंबर को ये पृथ्वी से मात्र 12 करोड़ किलोमीटर दूर होगा और इंसान इसे नंगी आंखों से भी देख पाएंगे. भारत में निशिमुरा को लोग 12 सितंबर की भोर से थोड़ा पहले देख पाएंगे. यानी आपको सुबह चार से पांच बजे बीच अपनी नजरे आसमान की ओर गणाए रखनी होगी.

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