खाटू श्याम बाबा को हारे का सहारा के नाम से भी जाना जाता है. कलयुग में खाटू श्याम बाबा को भगवान श्री कृष्ण का अवतार माना गया है. और उन्हें पूजनीय होने का वरदान प्राप्त है. बता दें कि इस समय खाटू श्याम बाबा के भक्तों की संख्या लाखों में है और दिनों-दिन बढ़ती जा रही है.

शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन बाबा खाटू श्याम को भगवान श्री कृष्ण ने श्याम अवतार होने का वरदान दिया था. इस दिन बाबा श्याम का जन्मदिन बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. खाटू बाबा को हारे का सहारा के नाम से भी जाना जाता है.

कहते हैं कि जिन लोगों पर बाबा की कृपा होती है, उनके सभी बिगड़े काम बन जाते हैं. बता दें कि राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम बाबा का एक प्रसिद्ध मंदिर है. यहां इनके जन्मोत्सव लाखों भक्त दर्शन को पहुंचते हैं. इस बार खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन कब मनाया जाएगा और उनकी कृपा पाने के लिए कौन से मंत्रों का जाप किया जाता है, जानें.

कैसे बर्बरीक से बनें खाटू श्याम

धार्मिक कथाओं के अनुसार महाभारत के पात्रों में बर्बरीक भीम के पौत्र थे और घटोत्कच उनके पिता थे. बर्बरीक की वंशावली में सभी शक्तिशाली थे, इसलिए बर्बरीक भी वैसे ही महान थे. उन्हें अपनी मां मौरवी से ये आशीर्वाद मिला हुआ था कि वे जिस कमजोर पक्ष की तरफ से खड़े होकर उसका साथ देंगे वे विजय को प्राप्त होगा.

बर्बरीक महाभारत का युद्ध देखने की इच्छा लिए घर से निकले. श्री कृष्ण बर्बरीक को मां से मिले इस आशीर्वाद के बारे में सब कुछ जानते थे और इस बात को भी जानते थे कि जब युद्ध में कौरव हारेंगे, तो बर्बरीक कमजोर पक्ष को हारता देख उनकी तरफ हो जाएगा. और अगर ऐस हुआ तो पांडव जीत नहीं पाएंगे और श्री कृष्ण धर्म की विजय हेतु पांडवों को जीताना चाहते थे.

श्री कृष्ण ने दिया था बर्बरीक को ये वरदान

भगवान श्री कृष्ण साधु का रूप धारण कर बर्बरीक के सामने आ गए. बर्बरकी ने उन्हें प्रणाम कर उनसे पूछा कि मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं. तब भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि मैं जोभी तुमसे मांगूगा वो मुझे देना होगा और इतना कहते है श्री कृष्ण अपने असली रूप में आ गए.

बर्बरीक को भगवान श्री कृष्ण के दर्शन पाकर बहुत प्रसन्नता हुई. श्री कृष्ण ने कहा आपको अपना शीश मुझे देना होगा. अपने वचन के अनुसार बर्बरीक ने अपना शीश काट कर श्री कृष्ण को भेंट कर दिया. तभी श्री कृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया और कहा कि आप कलयुग में मेरे अवतार माने जाएंगे और मेरे नाम श्याम से जाना जाएगा. साथ ही, महाभारत का युद्धि देखने के लिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक को ऊंचा स्थान दिया. इस तरह बर्बरीक की महाभारत युद्ध देखने की इच्छा पूरी हो गई.

कब मनाया जाएगा खाटू श्याम का जन्मोत्सव

मान्यता है कि फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्री कृष्ण से बर्बरीक को श्याम अवतार का वरदान मिला था. इस बार फाल्गुन एकादशी 20 मार्च के दिन पड़ रही है और इस दिन धूम-धाम से खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन मनाया जाएगा. राजस्थान के सीकर में बाबा खाटू श्याम का शीश प्रकट हुआ था. उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में ही लक्खी मेला लगता है, जिसकी शुरुआत 12 मार्च से हो चुकी है.

इन मंत्रों के जाप से बनेंगे सभी बिगड़े काम

शास्त्रों में खाटू श्याम बाबा के कुछ प्रसिद्ध और लाभकारी मंत्रों के बारे में बताया गया है. उनके जन्मोत्सव पर इन मंत्रों का जाप करें और उनके सम्मुख अपनी हर मनोकामना रखें. उनकी कृपा से आपको जल्द ही शुभ फलों की प्राप्ति होगी.

– ॐ श्याम देवाय बर्बरीकाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय सुह्र्दयाय नमो नमः।।

– ॐ मोर्वी नंदनाय विद् महे श्याम देवाय धीमहि तन्नो बर्बरीक प्रचोदयात्।।

– ॐ श्याम शरणम ममः

– ॐ खातुनाथाय नमः

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. SITAMARHI LIVE इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

INPUT : ZEE NEWS