सीतामढ़ी से होकर चलने वाली लोकल ट्रेनों की समय सारणी से नाराज केंद्रीय रेलवे यात्री संघ एवं कनफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के जिलाध्यक्ष राजेश सुंदरका ने रेलवे मंत्री और पदाधिकारीयों को लिखे पत्र में कहा कि लोकल ट्रेनों के चलने व गंतव्य तक पहुंचने की समय सारिणी यात्रियों की जरूरत और सुविधानुसार होनी चाहिए।

कहा कि लोकल ट्रेनें कार्यालय, अस्पताल, शिक्षण संस्थान पहुंचने वाले स्थान पर मिलने वाली कनेक्टिंग ट्रेन के समय के मद्देनजर चलनी चाहिए। रक्सौल से सीतामढ़ी की ट्रेनों की हालत और चिंताजनक है, आठ घंटे में चार ट्रेनें तो अगले सोलह घंटे में एक ट्रेन है, रही-सही कसर ट्रेनों के घंटे दो घंटे लेट होने के कारण निकल जाती है।

सुन्दरका ने कहा कि महिलाओं की हालत ऐसी कि अहले सुबह से रात दस बजे तक घर से बाहर रहना पड़ रहा है, उनके लिए परिवार, पति और छोटे बच्चों के बारे में भी सोचना दूभर हो रहा है, रोबोट की जिन्दगी जी रहे हैं। कोई भी व्यक्ति कार्य घर परिवार की खुशी और सुख के लिए करता है, पदाधिकारी स्वयं यात्रियों के स्थान पर रख कर देखें।

उन्होंने आग्रह किया कि रेलवे स्थानीय यात्रियों के सुविधानुसार समय सारिणी अविलंब तय करें। पूर्व डीआरयूसीसी सदस्य आलोक कुमार ने कहा कि आज के मानक के अनुसार स्पीड तय हो, दो स्टेशनों के दूरी के अपेक्षाकृत दिए गए ज्यादा समय मार्जिन को कम कर यात्रियों के बहुमूल्य समय की बचत की जाए।

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