Aadhar card of newborn: मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के हर नागरिक का आधार कार्ड हो इस पर शुरूआत से जोर दिया गया। वहीं आने वाले कुछ ही समय में बच्‍चे का जन्‍म होते ही जन्‍म प्रमाण पत्र के साथ उसका आधार कार्ड भी बन जाएगा।

देश के 16 राज्‍यों में पहले से है ये सुविधा
केंद्र सरकार जल्‍द ही ये सुविधा सभी राज्‍यों में हो इस पर तेजी से काम कर रही है। बता दें पहले से ही देश के 16 राज्‍यों में आधार लिंक्ड जन्‍म प्रमाणत्र की सुविधा और नियम है। यानी जैसे ही नवजात का जन्‍म होता है उसके नामांकन के साथ आधार बनाने की सुविधा दी जाती है।

सभी राज्यों में उपलब्ध होने की उम्मीद है
सरकारी सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि अगले कुछ महीनों में जन्म प्रमाण पत्र के साथ नवजात शिशुओं के लिए आधार नामांकन सभी राज्यों में सुविधा उपलब्ध होने की उम्मीद है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) – सरकारी एजेंसी जो आधार संख्या जारी करती है उसने बताया कि 16 राज्‍यों में इस प्रक्रिया को शुरू हुए एक साल से अधिक का समय हो चुका है। शेष राज्यों में काम जारी है।

जानें बच्‍चों के आधार को लेकर क्‍या है नियम
बता दें 5 साल तक के बच्चों के लिए कोई बायोमेट्रिक्स नहीं लिया जाता है। उनके यूआईडी को उनके माता-पिता के यूआईडी से जुड़ी जनसांख्यिकीय जानकारी और चेहरे की तस्वीर के आधार पर प्रॉसेस किया जाता है। य ळभ्‍ कारण है कि बच्चे के 5 और 15 साल के हो जाने पर बायोमेट्रिक अपडेट (दस अंगुलियों, चेहरे की तस्वीर) को अपडेट करवाना आवश्‍यक होता है।

जानें कैसे जन्‍म प्रमाणपत्र के साथ कैसे तैयार होता है नवजात का आधार
गौरतलब है कि जिन राज्‍यों में पहले से ही ये सुविधा है वहां पर जब बच्‍चे का बर्थ सर्टीफिकेट जारी किया जाता है तो यूआईडीएआई सिस्टम त‍क एक मैसेज पहुंच जाता है और तुंरत आधार नामांकन आईडी संख्या क्रिएट हो जाती है। जिसके बाद नवजात की फोटो के साथ आधार कार्ड जन्‍म प्रमाण पत्र के साथ ही उपलब्ध करवाया जाता है।

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